भाई जान !
हम खैरियत से हैं ... अल्लाताला से दुआ करते हैं आप भी चैनोअमन से होंगे !
आपको इत्तिला देना चाहता हूँ कि आपके बेवज़ह के बयानात से हमारा दिल टूट गया !
महीनों प्लानिंग हम करते हैं ...
जी जान लगा के बम हम फोड़ते हैं ...
लेकिन आप उसका क्रेडिट किसी और को दे देते हैं ..
ये गैरमुनासिब बात है ... आपको हमारे ज़ज्बातों का ख्याल रखना चाहिए ...
हमारे मुजाहिदीन साथी आपके बयान से बहुत ही ग़मगीन हैं ...
आपका यही रवैया रहा तो हमको कौन बम फोड़ने का ठेका देना पसंद करेगा ?
उम्मीद करता हूँ आपके दिमाग-ए-शरीफ में हमारे ज़ज्बात घुसे होंगे !
परवरदिगार आपको थोड़ी समझदारी दे !
आमीन !
आपका गरीब भाई
इन्डियन मुजाहिदीन
=========
The End
=========
Prakash Govind
------------------------------------------------------------------------------------------
फेसबुक लिंक :
------------------------------------------------------------------------------------------
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंफेसबुक पर आप का यह स्टेट्स ६ या ४ जुलाई को देखा था..
बड़ी देर से ब्लॉग पर लाये हैं.
ये दिग्विजय सिंह मेंटल हो गया है
जवाब देंहटाएंइसकी बात पर ध्यान देना ही नहीं चाहिए
सुन्दर व्यंग है