रविवार, दिसंबर 28, 2014

लेडीज को सीट ऑफर :-)

एक साहब सुबह-सुबह ऑफिस जाने के लिए बस में चढ़े तो 
कंडक्टर ने मुस्कुराते हुए पूछा :– 

“कल रात ठीक-ठाक घर पहुँच गए थे सर ?” 
--- 
साहब: – “क्यों ? कल रात को मुझे क्या हुआ था ?” 
--- 
कंडक्टर – “टुन्न थे आप !” 
--- 
साहब (गुस्से से) :– “ये तुम कैसे कह सकते हो ? मैंने तो तुमसे बात तक नहीं की थी ?” 
--- 
कंडक्टर: – “ऐसा है सर जी, कल जब आप बस में बैठे हुए थे तो एक मैडम बस में चढीं थी और आपने उठकर उन्हें सीट ऑफर की थी !” 
--- 
साहब: – “तो ? लेडीज को सीट ऑफर करना गुनाह है क्या ???” 
--- 
--- 
कंडक्टर :– “गुनाह तो नहीं है सर, पर उस समय बस में केवल आप दो ही पैसेंजर थे !!!” 

:-)  :-)  :-)
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The End 
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शनिवार, दिसंबर 27, 2014

नज़रिए का फर्क

एक प्रख्यात लेखक अपने स्टडी रूम में बैठे थे। उन्होंने पेन उठाया और लिखना शुरू किया :- 

"पिछले वर्ष मेरा ऑपरेशन हुआ और गॉल ब्लॉडर निकल दिया गया, इसकी वजह से लम्बे समय तक मैं बिस्तर पर रहा। इसी साल मेरी उम्र 60 वर्ष की हो गयी और मुझे अपनी पसंदीदा जॉब छोड़नी पड़ी। मैंने अपने जीवन के 30 साल इस पब्लिशिंग कंपनी में बिताये। इसी वर्ष मुझे पिता जी की मौत के दर्द से भी मुझे गुजरना पड़ा … और इसी साल मेरा बेटा कार एक्सीडेंट की वजह से अपने मेडिकल इम्तिहान में भी फेल हो गया .... उसे कई दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ा। कार ख़राब हो गयी सो अलग।" 
 - 
अंत में उसने लिखा - "ओह ~~ ये बहुत ही ख़राब वर्ष रहा।" 
--- 
--- 
लेखक अपने शोक में डूबा हुआ था, तभी उसकी पत्नी कमरे में आई। उसने पीछे खड़े होकर पति के लिखे विचारो को पढ़ा। वो चुपचाप कमरे से बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद वो एक दूसरा पेपर ले कर आई और अपने पति द्वारा लिखे पेपर के बगल में रख दिया। 
--- 
--- 
लेखक ने देखा कि उस पेपर में लिखा हुआ था :- 

"पिछले साल मुझे अपने गाल ब्लेडर से छुटकारा मिल गया, जिसकी वजह से इतने साल मैंने दर्द में गुजारे। बहुत अच्छे स्वास्थ्य के साथ मैंने 60 वर्ष पुरे किये और अपनी जॉब से रिटायर हो गया। अब मैं अपना समय और बेहतर लिखने में बिताऊंगा बताउगा। इसी वर्ष भगवान ने मेरे बेटे को नया जीवन प्रदान किया। मेरी गाड़ी जरूर बर्बाद हो गयी लेकिन मेरा बेटा बिना किसी अपंगता के सकुशल है। इसी साल मेरे पिता 85 वर्ष की आयु में बिना किसी पर निर्भर हुए भगवन के पास चले गए।" 

अंत में लिखा था - "भगवन के आशीर्वाद से भरा ये साल बहुत अच्छा बीता।" 
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देखा आपने ? 
एक ही घटना लेकिन नजरिया अलग अलग। 
अगर सकारात्मक सोच हो तो जीवन को बेहतर ढंग से जिया जा सकता है ! 

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The End
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कर्मचारी की शिकायत और मैनेजर का केलकुलेशन

दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद एक व्यक्ति को समझ में आया कि इन दो सालों में न कोई प्रमोशन, ना ट्रांसफ़र, ना कोई तनख्वाह वृद्धि, और कम्पनी इस बारे में कुछ नहीं कर रही है.. 
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उसने फ़ैसला किया कि वह HR मैनेजर से मिलेगा और अपनी बात रखेगा... लंच टाईम में वह HR मैनेजर से मिला और उसने अपनी समस्या रखी.. 
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HR मैनेजर बोला, मेरे बच्चे तुमने इस कम्पनी में एक दिन भी काम नहीं किया है... 

कर्मचारी भौंचक्का हो गया और बोला - ऐसा कैसे.. ? पिछले दो वर्ष से मैं यहाँ काम कर रहा हूँ.. 

HR मैनेजर बोला - देखो मैं समझाता हूँ... एक साल में कितने दिन होते हैं ? 

कर्मचारी - 365 या 366 

मैनेजर - एक दिन में कितने घंटे होते हैं ? 

कर्मचारी - 24 घंटे 

मैनेजर - तुम दिन में कितने घंटे काम करते हो ? 

कर्मचारी - सुबह 8.00 से शाम 4.00 तक, मतलब आठ घंटे.. 

मैनेजर - मतलब दिन का कितना भाग तुम काम करते हो ? 

कर्मचारी - (हिसाब लगाता है) 24/8= 3 एक तिहाई भाग 

मैनेजर - बहुत बढिया..अब साल भर के 366 दिनों का एक-तिहाई कितना होता है ? 

कर्मचारी - (???) 366/3 = 122 दिन.. 

मैनेजर - तुम "वीक-एण्ड" पर काम करते हो ? 

कर्मचारी - नहीं 

मैनेजर - साल भर में कितने वीक-एण्ड के दिन होते हैं ? 

कर्मचारी - 52 शनिवार और 52 रविवार, कुल 104 

मैनेजर - बढिया, अब 122 में से 104 गये तो कितने बचे ? 

कर्मचारी - 18 दिन 

मैनेजर - एक साल में दो सप्ताह की"सिक लीव" मैं तुम्हें देता हूँ, ठीक ? 

कर्मचारी - जी 

मैनेजर - 18 में से 14 गये, तो बचे 4 दिन, ठीक ? 

कर्मचारी - जी 

मैनेजर - क्या तुम मई दिवस पर काम करते हो ? 

कर्मचारी - नहीं.. 

मैनेजर - क्या तुम 15 अगस्त,26 जनवरी और 2 अक्टूबर को काम करते हो ? 

कर्मचारी - नहीं.. 

मैनेजर - जब तुमने एक दिन भी काम नहीं किया, फ़िर किस बात की शिकायत कर रहे हो भाई. 

:-)  :-)  :-)
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The End
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कुत्तों को जलेबियाँ :-)

इन्कम टैक्स अधिकारी :- 
"बाकी तो सब ठीक है सेठ जी ,,, लेकिन आपने कुत्तों को जलेबी खिलाने का खर्चा पांच लाख रुपये जो लिखा है, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं ! क्या आप उस खर्चे से सम्बंधित कोई दस्तावेज पेश कर सकते हैं ?" 
--- 
सेठ जी :- 
"नहीं साहब ,,, इसके दस्तावेज मेरे पास नहीं हैं" 
--- 
इन्कम टैक्स अधिकारी :- 
"चलो फिर हम बात को यहीं रफा-दफा कर लेते हैं ,,, इसके बदले आप हमें दस हजार रुपये दे दें" 
--- 
सेठ जी मान गए और बोले :- 
"ठीक है मैं आपको दस हजार रुपये दे देता हूँ ....." 
--- 
--- 
सेठ जी ने मुनीम को आवाज़ लगाई :- 
"मुनीम जी इन लोगों को दस हजार रुपये दे दो और खाते में लिख देना कि 
कुत्तों ने दस हजार की जलेबियाँ और खायीं" 
'
:-)  :-)  :-)
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The End 
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शुक्रवार, दिसंबर 26, 2014

तीन बेचारे :-)

एक सुबह डॉक्टर के क्लीनिक में एक मरीज बहुत तेज पीठ दर्द की शिकायत लेकर आया। 
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डॉक्टर ने पड़ताल करके उससे पूछा: तुम्हारी पीठ को हो क्या गया है ? 
--- 
मरीज :- सर मैं एक नाइट क्लब में काम करता हूं। आज सुबह जब मैं अपने अपार्टमेंट में लौटा तो मुझे कमरे में कुछ आवाजें सुनाईं दीं। जब मैं कमरे में घुस रहा था तो मुझे पता था कि मेरी पत्नी के साथ कोई था। क्योंकि बालकनी का दरवाजा खुला हुआ था। मैं बालकनी की ओर दौड़ा पर वहां कोई था नहीं। जब मैंने बालकनी से नीचे देखा तो एक आदमी कपड़े पहनते हुए दौड़ रहा था। मैं बहुत गुस्से में था तो मैंने फ्रिज उठाकर उसे फेंक के दे मारा। फ्रिज बहुत ही ज्यादा भारी था तो मेरी पीठ टेड़ी हो गई। 
--- 
--- 
थोड़ी देर बाद एक और मरीज आया और उसकी हालत पहले मरीज से भी ज्यादा खराब थी। 
--- 
डॉक्टर :- तुम्हारी हालत बहुत ही टूटी फूटी है। क्या हो गया तुम्हें ? 
--- 
मरीज:- आप नहीं जानते लेकिन मैं कुछ दिनों से बेरोजगार था। आज मेरी नौकरी का पहला दिन था। सुबह मेरी घड़ी का अलार्म भी नहीं बजा। मैं ऑफिस के लिए बहुत लेट हो गया तो मैं अपने बिल्डिंग के नीचे दौड़ते हुए ऑफिस जा रहा था और साथ-साथ तैयार भी होता जा रहा था..और आपको यकीन नहीं होगा पता नहीं कहां से मेरे ऊपर फ्रिज आ गिरा। मुझे नहीं पता कहां से और क्यों। लेकिन मेरी पीठ जरूर टूट गई। 
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कुछ ही देर बाद डॉक्टर के यहां एक और मरीज आया जो बिल्कुल ही मरने की हालत में लग रहा था। 
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डॉक्टर ने कहा क्या हो गया तुम्हें ? 
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मरीज :- मैं फ्रिज में था। 

:-)  :-)  :-) 
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The End
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चालाक महिला का कार एक्सीडेंट :-)

एक बार एक आदमी बड़ी आराम से अपनी गाड़ी में जा रहा था कि अचानक सामने से आ रही एक महिला की गाड़ी आ कर उसकी गाड़ी से टकरा गयी, पर एक्सिडेंट के बाद दोनों सुरक्षित बच गए। 
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जब दोनों गाड़ी से बाहर आये तो महिला ने पहले अपनी गाड़ी को देखा जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, फिर वो सामने की तरफ गयी जहाँ आदमी भी अपनी गाड़ी को बड़ी गौर से देख रहा था। 
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तभी वह महिला उससे रूबरू होते हुए बोली, "देखिये कैसा संयोग है कि गाड़ियाँ पूरी तरह से टूट-फूट गयी पर हमें चोट तक नहीं आई। यह सब भगवान की मर्जी से हुआ है ताकि हम दोनों मिल सकें। मुझे लगता है कि अब हमें आपस में दोस्ती कर लेनी चाहिए।" 
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आदमी ने भी सोचा कि इतना नुक्सान होने के बाद भी गुस्सा करने के बजाय दोस्ती के लिए कह रही है तो कर लेता हूँ और बोला, "आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं कि ये सब भगवान की मर्जी से हुआ है।" 
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तभी महिला ने कहा, "एक चमत्कार और देखिये कि पूरी गाड़ी टूट-फूट गयी पर अंदर रखी शराब की बोतल बिल्कुल सही है।" 
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आदमी ने कहा, "वाकई यह तो हैरान करने वाली बात है।" 
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महिला ने बोतल खोली और बोली, "आज हमारी जान बची है, हमारी दोस्ती हुई है तो क्यों न थोड़ी सी ख़ुशी मनाई जाए।" 
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महिला ने बोतल को उस आदमी की तरफ बढ़ाया उसने भी बोतल को पकड़ा और मुहं से लगाया और आधी करके बोतल वापस महिला को दे दी। 
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फिर कहने लगा, "आप भी लीजिये।" 
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महिला ने बोतल को पकड़ा उसका ढक्कन बंद किया और एक तरफ रख दी। 
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आदमी ने पूछा, "क्या आप शराब नहीं पियेंगी?" 
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महिला बड़े आराम से बोली, "नहीं ...मुझे लगता है मुझे पुलिस का इंतज़ार करना चाहिए ताकि मैं बता सकूँ कि इस शराबी ने मेरी गाडी ठोक दी है।" 

:-)  :-)  :-)
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The End
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कंजूस पति की इच्छा :-)

एक आदमी था। जिसने अपनी सारी ज़िन्दगी बहुत पैसा कमाया। पैसा होने के बावजूद भी वो बहुत कंजूस था। उसे अपनी ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा प्यार अपने पैसे से था। यहाँ तक कि उसने अपनी पत्नी से भी यह वायदा लिया था की जब वो मर जायेगा तो उसका सारा पैसा उसके साथ उसकी कब्र में दफना देना। 
--- 
---
उसकी पत्नी ने भी उससे वायदा कर दिया कि जब वो मरेगा तो वो ऐसा ही करेगी। 
--- 
कुछ दिनों बाद आदमी की मौत हो गयी। आदमी को ताबूत में लिटाया गया और जब सब लोग उस ताबूत को दफ़नाने लगे तो पत्नी ने उनको रुकने को कहा। 
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सब रुक गए तभी उस आदमी की पत्नी एक डिब्बा लेकर आई और उसे ताबूत में रख दिया। सब लोग यह देख कर हैरान थे कि वो ऐसा क्यों कर रही है। पति तो अब मर चुका है तो अब सारा पैसा पत्नी का ही है फिर भी वो डिब्बा ताबूत में रखना चाहती है। 
--- 
पत्नी ने सब की बात सुनी और बोली, "मैं अपने पति की हर इच्छा पूरी करुँगी। मैंने उनसे वायदा किया था कि मैं उनके सारे पैसे उनके साथ ही ताबूत में छोड़ दूंगी।" 
--- 
किसी ने उससे पूछा, "इसका मतलब तुमने सारे पैसे एक साथ इसमें रख दिए?" 
--- 
पत्नी ने जवाब दिया, "हाँ बिल्कुल, मैंने उसके सारे पैसे अपने खाते में जमा करवा दिए हैं और अपने पति के नाम का चेक लिख दिया है जो कि इस डिब्बे में है!" 

:-)  :-)  :-)
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The End 
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गुरुवार, दिसंबर 25, 2014

स्त्री और पुरुष - दोनों में अंतर :-)

एक लड़की किसी विवाह समारोह में जाने से पहले 
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फेस वाश 

फेस स्टिक 

कन्सीलर 

आई शैडो 

मसकारा 

आई लाइनर 

लिपिस्टिक 

लिपग्लॉस 

लिप पेन्सिल 

फेस क्रीम 

फेस पाउडर 

ब्लश ऑन 

काजल 

नेल पॉलिस 

बॉडी स्प्रे 

परफ्यूम 

और 
साथ में हील 

और 
बहुत मुश्किल से सेलेक्ट किया हुआ 
 ड्रेस पहनने के बाद अपनी फ्रेंड्ज से कहेगी -  
.
"अरे यार जल्दी-जल्दी में कुछ किया ही नहीं .…… " 

&

जबकि लड़के विवाह समारोह में जाने से पहले अपने दोस्त से फोन पर :- 
"ओए नहाना है कि नहीं ????" 
.
 दोस्त का जवाब - "पागल हुआ है ?? अपनी शादी थोड़ी न है,,, जल्दी पहुँच" 

 :-) :-) :-) 
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The End 
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अटल - नेहरु प्रसंग

एक बार लोकसभा में पंडित नेहरु ने जनसंघ के ऊपर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी तो अटल जी ने उसका ऐसा जवाब दिया की नेहरु जी न सिर्फ बात में छुपे प्रहार को समझ गए बल्कि भरी संसद में ठहाका मार के हंसने भी लगे ! 
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.
बात 1957 के दौर की है जब अटल जी बलरामपुर से कांग्रेस के हैदर हुसैन को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे. लोकसभा में किसी चर्चा के दौरान पंडित नेहरु जी ने अटल जी की पार्टी जनसंघ पर निशाना साधते हुए कहा की ये पार्टी सामाजिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार है.....! 
--- 
जब बोलने की बारी अटल जी की आई तो अटल जी ने कहा ''मुझे पता है नेहरु जी रोज़ सुबह शीर्षासन करते हैं ... खूब करें ... पर कम से कम मेरी पार्टी की तस्वीर तो उल्टी ना देखें.'' 
--- 
इतना सुनना था कि पंडित नेहरु जी संसद में ही जोर-जोर से ठहाका मार कर हंसने लगे ! नेहरु जी समझ गए थे कि इन दो पंक्तियों के जवाब से अटल जी ने ना सिर्फ जनसंघ का पक्ष रखा बल्कि एक बेहद अलग हलके-फुल्के अंदाज़ में शब्दों का वो प्रहार किया है जो एक कुशल वक्ता भी घंटो के भाषण के बाद भी ना कर पाता. 
--- 
--- 
इस प्रसंग में एक सीख है कि जहां एक ओर आदमी को व्यंग्य विधा में जवाब देने की कला होनी चाहिए वहीँ दूसरी ओर नेहरु जैसी स्वीकार्यता और पर-प्रशंसा का भी गुण होना चाहिए... 

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The End 
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जब गजोधर ने फंक्शन आर्गेनाइज किया

गजोधर ने एक फंक्शन आर्गेनाइज किया
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उसने देखा कि इन्विटेशन से कहीं ज्यादा लोग आये हुए हैं
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गजोधर स्टेज पर गया और बोला -
"जो-जो लोग लड़की वालों की तरफ से हैं वो प्लीज इधर एक साइड में आ जाएँ ."
---
---.
10-15 लोग आ गए एक तरफ
---
---
फिर गजोधर ने कहा - 
"जो-जो लोग लड़के वालों की तरफ से हैं वो प्लीज उधर एक साइड में आ जाएँ ."
---
---
10-15 लोग फिर आ गए दूसरी तरफ 
---
---
---
अब गजोधर ने एक डंडा उठाया और लड़के व लड़की वालों को खदेड़ते हुए बोला -
"अबे कमीनों ~~~ ये शर्मा जी की रिटायरमेंट पार्टी है .... "

:-)  :-)  :-)
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The End
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मंगेतर की पहली चिठ्ठी :-)

एक सुन्दर युवती एक दवाईयों की दुकान के सामने काफी देर तक खडी थी 
और भीड़ छटने का इंतज़ार कर रही थी।
---
दुकान का मालिक उसे शक की नजर से घूर रहा था।
---
बहुत देर बाद जब दुकान मे कोई ग्राहक नही बचा, तो वह लड़की दुकान मे आयी।
 ---
एक सेल्समन को धीरे से एक किनारे बुलाया।
---
दुकान मालिक अब और भी ज्यादा चौकन्ना हो गया।
---
लड़की ने धीरे से एक कागज़ सेल्समन की ओर बढाया।
---
धीरे से फुसफुसायी, "भैया, - - - मेरी एक डॉक्टर के साथ शादी तय हो गयी है।
-
-
-
-
आज "उनकी" पहली चिठ्ठी आयी है।
-
-
-
थोडा पढ़कर सुनायेंगे क्या ?

:-)  :-)  :-)
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The End
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टीवी पर ज्योतिष समाधान कार्यक्रम :-)

ट्रिंग-ट्रिंग.. ट्रिंग-ट्रिंग 
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होस्ट :- हेल्लो ..जी.. आप आचार्य से अपना सवाल पूछें.. 
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दर्शक :- आचार्य जी मैं सरजू प्रजापति बोल रहा हूँ,,, माया बाज़ार गोरखपुर से.. जी मेरी एक बेटी है .. रंग गोरा है, चेहरा गोल,, लम्बाई औसत है.. 
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आचार्य :- बिटिया की जन्मतिथि बतावें.. 
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दर्शक :- जी गुरूजी,, बिटिया सत्रह साल की है,, जन्म 1997 का है पक्का ... पढने में कमजोर है .. पिरिया नाम है.. 
--- 
आचार्य :- हम्म्म 'गुरु ग्रह' कमजोर है ,,, माह तिथि बताइए बच्ची की. 
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दर्शक :- मार्च है मार्च,,, होली के पहले,,, यहीं घर पे नार्मल डिलीवरी से हुयी थी .. बड़ी भोली है जल्दी ही बहक जाती है ... माँ का नाम सुखनी है.. 
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आचार्य :- ग्रहों की वक्री गति से ऐसा होता है ..जन्म तिथि बताइये.. 
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दर्शक :- कल रात को मोबाईल छोड़कर ,,, गहने रूपये समेटकर किसी मरदूद के साथ भाग गयी.. किसी ने कुछ कर करा दिया है गुरूजी... 
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आचार्य :- आप धैर्य रखिये उपाय किया जायेगा ,,, बिटिया घर वापस आ जाएगी .. आप जन्म तिथि और समय बताइए जरा जल्दी.. 



दर्शक :- याद नहीं आ रहा बे .. सब कुछ तो बता दिए,,, जन्मतिथि तुम्ही बताओ ,,, बड़का पंडित बने फिरते हो .. हमको फोन करने का शौक थोड़ी चर्राया है .. थाने में बैठे हैं ,, FIR दर्ज करवाने .. दरोगा जन्म तिथि पूछ रहा है .... तुम जन्मतिथि से भविष्य बता सकते हो,,, तो फिर भविष्य से जन्मतिथि नहीं बता सकते ?.. पब्लिक को सूतिया बना रहे हो ..?? 


फोन कट !

:-)  :-)  :-)
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The End
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बुधवार, दिसंबर 24, 2014

डबल स्टैण्डर्ड

वो स्कर्ट पहनती है । वो चालू है 
वो नाईट शिफ्ट में काम करती है । वो चालू है 
- वो लड़कों से बात करती है । वो चालू है 
और 
वो शॉर्ट्स पहनता है । वो कूल है 
वो नाईट शिफ्ट में काम करता है । वो मेहनती है 
वो लड़कियों से बात करता है । वो पॉपुलर है 
--- 
--- 
OK SOCIETY, TO HELL WITH YOU 

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औरतों को जींस नहीं पहनना चाहिए 
औरतों को तेज आवाज में बात नहीं करना चाहिए 
औरतों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए 
औरतों को खुलकर हंसना नहीं चाहिए 
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--- 
--- 
और 
औरतों को ऐसे बकलोल भी नहीं पैदा करने चाहिए 
जो ऊपर लिखी ऐसी बातों का समर्थन करते है !
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The End
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गजोधर की पत्नी गायब होने की रिपोर्ट :-)

गजोधर अपनी पत्नी के गायब होने की रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशन गया 
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गजोधर :- मेरी वाईफ का कल से कुछ पता नहीं चल रहा है ... कल वो शापिंग के लिए गयी थी,,, 
उसके बाद से घर नहीं आयी ! 
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इन्स्पेक्टर :- अपनी पत्नी के बारे में कृपया डिटेल बताएं ... उनकी हाईट क्या है ? 
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गजोधर :- ओह ~~ शायद 5 फीट 
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इन्स्पेक्टर :- देखने में कैसी हैं ...उनकी हेल्थ ? 
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गजोधर :- दुबली ,,,,हेल्दी ,, आई मीन ज्यादा मोटी नहीं ,, 
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इन्स्पेक्टर :- आँखों का रंग ? 
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गजोधर :- हम्म ... कभी ध्यान नहीं दिया 
--- 
इन्स्पेक्टर :- बालों का रंग ? 
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गजोधर :- समय-समय पर बालों का रंग चेंज करती रहती है 
--- 
इन्स्पेक्टर :- क्या पहने हुयी थीं ... उनकी ड्रेस ? 
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गजोधर :- ड्रेस ?? हम्म...सलवार सूट ... ब्ल्यू जींस ,,,साड़ी ,, मुझे ठीक से याद नहीं 
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इन्स्पेक्टर :- क्या वो कार से गयी थीं ? 
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गजोधर :- जी हाँ 
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इन्स्पेक्टर :- कौन सी कार थी ? 
--- 
गजोधर :- जर्मन मेड मर्सिडीज बेंज ए क्लास, 1.6 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन, 155ps और 250nm टोर्क, टू व्हील ड्राइव, 7 स्पीड आटोमेटिक गियर, ग्राउंड क्लियरेंस 183mm, रंग नीला.... आगे के दायें शीशे पर एक खरोंच का निशान भी है 
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इन्स्पेक्टर :- डोंट वरी सर ......... हम कार को खोज निकालेंगे 

:-)  :-)  :-)


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The End
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गजोधर की होशियारी :-)

एक रात को पुलिस वालों ने शराब पी कर गाडी चलाने वालों को पकड़ने के लिए 
 एक बार के बाहर अपनी गाडी खड़ी कर ली। 
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थोड़ी देर बाद जब बार बंद होने वाला था तो गजोधर बार से बाहर निकला और लड़खड़ाता हुआ अपनी गाडी की तरफ बढ़ने लगा। चलते-चलते गजोधर एक दम से गिर गया। फिर उठा और थोड़ा संभला और आगे बढ़ा। 
--- 
उसके बाद गजोधर ने अपनी जेब में से चाबी निकाली ... 3-4 गाड़ियों को चाभी लगाने के बाद उसे अपनी गाडी मिल गयी। गजोधर गाडी में बैठा और बड़ी मुश्किल से गाडी स्टार्ट की और चल पड़ा। 
--- 
जैसे ही गजोधर चला, पुलिस वालों ने उसके पीछे अपनी गाडी लगा ली और उसे रोक लिया। 
--- 
पुलिस वाले ने गजोधर को Breath Analyzer टैस्ट के लिए बाहर निकलने के लिए कहा। गजोधर झट से बाहर निकला। पुलिस वाले ने उसका टैस्ट किया लेकिन टैस्ट में शराब की मात्रा आई ही नहीं। पुलिस वाले हैरान हो गए और पूछा कि इसका क्या राज़ है ? 
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--- 
गजोधर ने पुलिस को बताया कि उसने तो शराब पी ही नहीं है। 
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पुलिस वाले : "फिर तुम ऐसे क्यों नाटक कर रहे थे?" 
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गजोधर : "ताकि आप मेरे पीछे आ सको और पीछे से बार में बैठे सारे शराबी आसानी से निकल सकें।" 

:-)  :-)  :-)
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The End
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गजोधर की अंग्रेजी स्पेलिंग प्राब्लम

गजोधर :- (फोन पर) ... जल्दी से यहाँ एक एम्बुलेंस भेज दीजिये, 
 मेरे दोस्त को एक गाडी ने टक्कर मार दी है। उसके नाक से खून बह रहा है। 
शायद उसकी टांग भी टूट गयी है। 
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ऑपरेटर :- आप किस जगह पर हैं कृपया वो बता दीजिये। 
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गजोधर :- Connaght Place में। 
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ऑपरेटर :- आप मुझे कृपया स्पेलिंग बता दीजिये ? 
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आगे से कोई आवाज़ नहीं आई। 
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ऑपरेटर :- सर क्या आपको मेरी आवाज़ आ रही है ? 
--- 
दूसरी तरफ से अभी भी कोई आवाज़ नहीं आई। 
--- 
ऑपरेटर :- सर प्लीज, जवाब दीजिये, क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं ? 
--- 
--- 
गजोधर :- (हाँफते हुए)... हाँ- हाँ माफ़ करना भैया ,,,,  मुझे Connaght Place की स्पेलिंग नहीं आती थी ,,, इसलिए मैं उसे घसीट कर Minto Road पर ले आया हूँ ,,, आप Minto Road की स्पेलिंग लिखो। 
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The End
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जाट और अंग्रेज वार्तालाप :-)

एक बार एक जाट प्लेन से लन्दन जा रहा था, 
बगल में एक अंग्रेज बैठा हुआ था ! 
-- 
जाट ने अंग्रेज से पूछा - "आप क्या करते हो ?" 
अंग्रेज - "मैं एक साईंटिस्ट हूँ... और आप ?" 
जाट - "मैं इंजीनियर हूँ !" 
-- 
अंग्रेज - "वाव~~ इंजीनियर ... क्या हम किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं ?" 
जाट - "बिलकुल ,, " 
-- 
अंग्रेज - "अच्छा, तुम मुझे न्यूक्लियर पावर के बारे में कुछ बताओ" 
-- 
जाट ये सुनकर चुप रह गया ! 
-- 
अंग्रेज - (व्यंग से) "ओह ~~ तो तुम नहीं जानते ?" 
जाट - "जानता तो हूँ लेकिन तुम पहले मेरे एक क्वेश्चन का एन्सर दो" 
अंग्रेज - "हम्म ~~ पूछो .. " 
-- 
जाट - "मंदिर में भी घंटा होता है और चर्च में भी घंटा होता है, तो फिर चर्च का घंटा मंदिर के घंटे से बड़ा क्यों होता है ..?" 
-- 
अंग्रेज कुछ देर सोचता रहा फिर बोला - "मैं नहीं जानता" 
-- 
जाट - "अबे साले .. पता तुझे घंटे का भी नहीं है और बातें न्यूक्लियर पावर की करे है ???" 
           
 :-)   :-)   :-)
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The End
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कुछ एक असमी सिक्यूरिटी गार्ड भी होते हैं :-)

घर ढूंढते ढूंढते एक नयी बनी इमारत के पास पहुंचा 
और सिक्यूरिटी गार्ड से पूछा, 
"यहाँ फ्लैट खाली है क्या रेंट के लिए?" 
--- 
गार्ड बोला - "जी सर" 
--- 
मैंने पूछा - "तुम दिखाओगे" 
गार्ड - "मैनेजड़ है साब" 
--- 
मैंने नंबर माँगा और फ़ोन डायल किया, 
इस बीच मैंने गार्ड से मेनेजर का नाम पूछा ! 
गार्ड - "सड़ीप सर" 
--- 
मैंने फ़ोन काटा और कन्फर्म किया, "संदीप?" 
गार्ड, "नहीं ,, सड़ीप सर" 
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मैं सोच में पड़ा, अजीब-अजीब से नाम रखते हैं लोग आजकल। ऐसे ही विस्मित होते हुए मैंने कॉल लगाई लेकिन लाइन व्यस्त मिली। 
 --- 
फिर ढूंढते हुए बिल्डिंग के अन्दर पहुँच गए। 
 मेनेजर साहब मिले, मैंने हाथ मिलाया और कहा, "हेल्लो" 
 मेनेजर - "हेल्लो ,,, आय ऍम शरीफ।" 
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सीख :- सारे सिक्यूरिटी गार्ड नेपाली नहीं होते कुछ एक असमी भी होते हैं।  :-)
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सीनियर सिटिजन और पुलिस इंस्पेक्टर

एक सीनियर सिटिजन अपनी नई कार 90 की स्पीड में चला रहे थे। 
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रियर व्यु मिरर में उन्होंने देखा कि पुलिस की एक गाडी उनके पीछे लगी हुई है। उन्होंने कार की स्पीड और बढ़ा दी। 110 फिर 130 और फिर 150.......... 
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अचानक उन्हें याद आया कि इन हरकतों के लिहाज से वे बहुत बूढ़े हो चुके हैं और ऐंसी हरकतें उन्हें शोभा नहीं देतीं। उन्होंने सड़क के किनारे कार रोक दी और पुलिस का इन्तजार करने लगे। 
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पुलिस की गाडी करीब आकर रुकी और उसमे से इंस्पेक्टर निकलकर बुजुर्ग महाशय के पास आया। उसने अपनी घडी में समय देखा और बुजुर्ग से बोला --
.
"सर, मेरी शिफ्ट ख़त्म होने में मात्र 10 मिनिट बाकी हैं। आज शुक्रवार है और शनिवार, रविवार मेरा अवकाश है। इतनी स्पीड से कार चलाने का अगर आप मूझे कोइ ऐंसा कारण बता सके जो मैंने आज तक नहीं सुना हो तो मैं आप को छोड़ दूंगा।" 
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बुजुर्ग ने बहुत गंभीर होकर इन्स्पेक्टर की तरफ देखा और कहा---

"बहुत साल पहले मेरी बीवी एक पुलिसवाले के साथ भाग गयी थी। मैंने सोचा कि तुम उसे लौटाने आ रहे हो इसलिए..................." 
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इन्स्पेक्टर वहाँ से जाते हुए बोला---" हेव ए गुड डे, सर ... बाय।" 
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इंटेलिजेंस ब्यूरो भर्ती में महिला उम्मीदवार

इंटेलिजेंस ब्यूरो में एक उच्च पद हेतु भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। 
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अंतिम तौर पर केवल तीन उम्मीदवार बचे थे जिनमें से किसी एक का चयन किया जाना था। इनमें दो पुरुष थे और एक महिला। फाइनल परीक्षा के रूप में कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा की जांच की जानी थी। 
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पहले आदमी को एक कमरे में ले जाकर परीक्षक ने कहा –”हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तुम हर हाल में हमारे निर्देशों का पालन करोगे चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो।” फिर उसने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।” 
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”मैं अपनी पत्नी को किसी भी हालत में गोली नहीं मार सकता”- आदमी ने कहा।” 
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तो फिर तुम हमारे किसी काम के नहीं हो। तुम जा सकते हो।” – परीक्षक ने कहा। 
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अब दूसरे आदमी को बुलाया गया। ” .. 
---
परीक्षक ने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।” 
---
आदमी उस कमरे में गया और पांच मिनट बाद आंखों में आंसू लिये वापस आ गया - ”मैं अपनी प्यारी पत्नी को गोली नहीं मार सका। मुझे माफ कर दीजिये। मैं इस पद के योग्य नहीं हूं।” 
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अब अंतिम उम्मीदवार के रूप में केवल महिला बची थी। उन्होंने उसे भी बंदूक पकड़ाई और उसी कमरे की तरफ इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारा पति बैठा है। जाओ और जाकर उसे गोली से उड़ा दो।” 
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महिला ने बंदूक ली और कमरे के अंदर चली गई। कमरे के अंदर घुसते ही फायरिंग की आवाजें आने लगीं । लगभग 11 राउंड फायर के बाद कमरे से चीख पुकार, उठा पटक की आवाजें आनी शुरू हो गईं। यह क्रम लगभग पन्द्रह मिनटों तक चला ,उसके बाद खामोशी छा गई। 
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लगभग पांच मिनट बाद कमरे का दरवाजा खुला और माथे से पसीना पोंछते हुये महिला बाहर आई। बोली – ”तुम लोगों ने मुझे बताया नहीं था कि बंदूक में कारतूस नकली हैं। मजबूरन मुझे उसे पीट-पीट कर मारना पड़ा..!!! 
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The End 
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मंगलवार, दिसंबर 23, 2014

इंटेलिजेंट एंसर इन इंटरव्यू

साक्षात्कार चल रहा था ! नौकरी बड़ी अच्छी और अच्छे वेतन वाली थी ! साक्षात्कार में कई युवक आये हुए थे ! सभी युवक अच्छे पढ़े लिखे एवं सुसंस्कृत थे ! चपरासी ने आकर पहले युवक को आवाज लगाई ! 
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युवक अपनी फ़ाइल ले कर चेम्बर में घुसा और बोला - 'में आई कमिंग सर ?' साक्षात्कार लेने वाले ने कहा "यस कम इन " थैंक यू कहकर युवक अंदर चला गया और सामने वाली कुर्सी पर बेठ गया ! 
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साक्षात्कार लेने वाले उसकी फ़ाइल देखीं वैरी गुड कहकर वापस दे दी ,,, और पुछा :- 
"एक बात बताइये आप कही जा रहे है आपकी कार टू सीटर है। आगे चलने पर एक बस स्टैंड पर आपने देखा कि तीन व्यक्ति बस के इंतजार में खड़े है। उन में से एक वृद्धा जो कि करीब 90 वर्ष की है तथा बीमार है अगर उसे अस्पताल नहीं पहुचाया गया तो इलाज न मिल सकने के कारण मर भी सकती है। दूसरा आपका एक बहुत ही पक्का मित्र है जिसने आपकी एक समय बहुत मदद कि थी जिसके कारण आप आज का दिन देख रहे है। तीसरा इंसान एक बहुत ही खूबसूरत युवती है जिसे आप बेहद प्रेम करते है जो आपकी ड्रीम गर्ल है अब आप उन तीनो में से किसे लिफ्ट देंगे ? आपकी कार में केवल एक ही व्यक्ति आ सकता है।"" 
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युवक ने एक पल सोचा फिर जवाब दिया" सर में अपनी ड्रीम गर्ल को लिफ्ट दूंगा " 
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साक्षात्कार लेने वाले पुछा - क्या ये ना इंसाफी नहीं है ? 
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युवक बोला नो सर वृद्धा तो आज नहीं तो कल मर जायेगी ,,दोस्त को में फिर भी मिल सकता हूँ पर अगर मेरी ड्रीम गर्ल एक बार चली गई तो फिर में उससे दुबारा कभी नहीं मिल सकूंगा ! 
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साक्षात्कार लेने वाले ने मुस्कुरा कर कहा वेरी गुड में तुम्हारी साफ साफ बात सुन कर प्रभावित हुआ अब आप जा सकते है ! थैंक यू कहकर युवक बाहर निकल गया ! 
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साक्षात्कार लेने वाले ने दूसरे प्रत्याशी को बुलाने के लिए चपरासी को कहा ! साक्षात्कार लेने वाले ने सभी प्रत्याशिओं से उपरोक्त प्रश्न को पुछा विभिन्न प्रत्याशियों ने विभिन्न उत्तर दिए ! किसी ने वृद्धा को लिफ्ट देने किसी ने दोस्त को लिफ्ट देने कि बात कही ! 
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जब एक प्रत्याशी से ये ही प्रश्न पुछा तो उसने उत्तर दिया -"सर में अपनी कार की चाबी अपने दोस्त को दूंगा और उससे कहूंगा कि वो मेरी कार में वृद्धा को लेकर उसे अस्पताल छोड़ता हुआ अपने घर चला जाये ! मैं उससे अपनी कार बाद में ले लूंगा और स्वयं अपनी ड्रीम गर्ल के साथ बस में बेठा क़र चला जाऊँगा ! 
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साक्षत्कार करने वाले ने उठ क़र उस से हाथ मिलाया और कहा यू आर सलेक्टेड ! 
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थैंक यू सर कह क़र युवक मुस्कुराता हुआ बाहर आ गया ! 
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 साक्षत्कार समाप्त हो चुका था !
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The End
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लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ा एक सच्चा प्रसंग

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श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है। मगर उनमें वो बात थी कि ज़माना आज भी उनको याद करता है - वो था उनका आदर्श, उनके मूल्य, संस्कार के प्रति उनका समर्पित जीवन। ===================================================================

अनिल शास्त्री ,दिल्ली के किसी कालेज में admission के लिए फ़ार्म भर रहे थे। उस समय उनके पिता श्री प्रधानमंत्री बन चुके थे। मगर अनिल जी ने एक सामान्य विद्यार्थी की हैसियत से लाईन में खड़े हो कर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होने अपना नाम और पहचान छुपाने की गरज से और उन्हें पिता की हैसियत का कोई अनावश्यक [undue] लाभ न मिले बल्कि ’प्रतिभा ’के बल पर admission मिले इस लिये नाम के पीछे ’शास्त्री’ नहीं लिखा। 
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पिता के occupation वाले column में Government servant लिखा था जब उनका नम्बर आया और वह counter पर पहुंचे तो फ़ार्म check कर रहे व्यक्ति [शायद कोई robert साहब थे] ने फ़ार्म देखा, पता देखा 10-जनपथ न्यू दिल्ली तो चौंक गया ! सोचा, यह तो ’प्रधान मंत्री’ निवास का पता है .. तो फिर इस लड़के के पिता वहाँ क्या काम करते है - PA है कि PS है कि security officer है कि peon है कि कौन सा Govt servant है। Robert महोदय दुविधा में पड़ गये और पुचकारते हुए पूछा -’बेटा, papa वहां क्या करते हैं- कौन सा Govt servant है? 
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अनिल जी से यह बात अब छुपाये न छुपे और बड़े ही संकोचवश धीरे से बोले- पापा भारत के प्रधानमंत्री हैं 
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इतना सुनते ही राबर्ट महोदय एकायक खड़े हो गये ..आनन फ़ानन में फ़ार्म लिया कार्रवाई पूरी की ,फिए अनिल को लेकर principal साहब के कमरे में ले गया और बड़े ही सीना तान कर और जैसे कि कोई तोप चीज़ हाथ में लग गई, कहा- "सर, देखिए, हमारे कालेज में कौन आया है, सर प्रधानमंत्री का बेटा ..अपने प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का..." अनिल जी झेंप गये .. यह था उनका संस्कार ... 
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ख़ैर.. 
घर लौटने पर अनिल जी ने यह बात अपने पिता जी को बताया तब श्री लाल बहादुर जी ने बस दो बात कही - "पहली बात तो ठीक है कि पूछने पर तुमने अपने पिता का नाम बताया ,,, दूसरी बात ग़लत है कि राबर्ट तुम्हारा परिचय कराने प्रिन्सिपल के कमरे में ले गए। वह क्या और बच्चों को भी प्रिन्सिपल से परिचय कराने ले गए थे। नहीं तो यह बात ग़लत है" 
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यह था एक पिता का पुत्र को दिया हुआ संस्कार .. मूल्यों के प्रति समर्पण और आज??? 
आज तो सरपंच का लड़्का भी अपने को प्रधानमंत्री से बड़ा समझता है
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The End 
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