न्यायाधीश जा चुका है
वकील जा चुके हैं
दर्शक जा चुके हैं
मुंसिफ, पेशकार, और चपरासी तक जा चुके हैं
ख़त्म हो चुकी है बहस
फैसला हो चुका है
अपराधियों को ले जा चुकी है पुलिस
अदालत एकदम खाली है
सिर्फ लोगों के जूते के साथ आई धूल
अदालत के फर्श पर बची है
उस धूल में किसी की जेब से गिरा
एक सिक्का चमक रहा है !!!
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आज के न्याय पैसों के दम पर ही तय होते हैं
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता