गुरुवार, अगस्त 08, 2013

"हुजूर जूते मारने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए"

एक राजा था जिसकी प्रजा हम भारतीयों की तरह सोई हुई थी ! बहुत से तीस मार खां लोगों ने कोशिश की किसी तरह प्रजा जग जाए .. अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसका विरोध करे, लेकिन प्रजा को कोई फर्क नहीं पड़ता था ! 

राजा ने तेल के दाम बढ़ा दिये प्रजा चुप रही 
राजा ने सब्जियों के दाम बढ़ा दिए प्रजा चुप रही 
राजा ने अजीबो गरीब टेक्स लगाए प्रजा चुप रही 
राजा ज़ुल्म करता रहा लेकिन प्रजा चुप रही 

एक दिन राजा के दिमाग मे एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़े रास्ते को खुदवा के एक पुल बनाया .. जबकि वहां पुल की कतई ज़रूरत नहीं थी .. प्रजा फिर भी चुप थी किसी ने नहीं पूछा के भाई यहा तो किसी पुल की ज़रूरत नहीं है आप काहे बना रहे है ? 

राजा ने अपने सैनिक उस पुल पे खड़े करवा दिए और पुल से गुजरने वाले हर व्यक्ति से टेक्स लिया जाने लगा फिर भी किसी ने कोई विरोध नहीं किया ! फिर राजा ने अपने सैनिको को हुक्म दिया कि जो भी इस पुल से गुजरे उसको 4 जूते मारे जाएँ और एक शिकायेत पेटी भी पुल पर रखवा दी कि किसी को अगर कोई शिकायेत हो तो शिकायेत पेटी मे लिख कर डाल दे लेकिन प्रजा फिर भी चुप ! 

राजा रोज़ शिकायेत पेटी खोल कर देखता की शायद किसी ने कोई विरोध किया हो लेकिन उसे हमेशा पेटी खाली मिलती ! कुछ दिनो के बाद अचानक एक एक चिट्ठी मिली ... राजा खुश हुआ के चलो कम से कम एक आदमी तो जागा ,,,,, जब चिट्ठी खोली गयी तो उसमे लिखा था - 

"हुजूर जूते मरने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए ... हम लोगो को काम पर जाने मे देरी होती है !"


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The End
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लेखक : प्रकाश गोविन्द
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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  • बहुत खूब व्यंग . 
  • Ye bechara kaam ka maara,
    isey chahiye humdard ka tonic,
    sinkara....
    (spelling galat ho to please btaiyega.. Sudhar dunga) 
  • aah! prakash bhai ji! sach me yahi ho raha hai is samaye !
  • sateek kataksh,,,
  • Hahahaha Bahut khoob !
  • इस देश के लिए बहुत ही सटीक व्यंग्य है ......
  • सटीक व्यंग्य है ...
  • Umesh Rajgadia 
    बहुत बहुत खूब....
  • गहरा व्यंग्य
  • ha kyo ki kuch karne k pahale unhe pariwar k liye aata or namak yad rahta he ........
  • और राजा ने खुश होकर एक चाईनीज़ जूता मार मशीन अमेरीका से मंगाकर पुल पर लगवा दी :-)
  • Prakash Govind
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    डिस्क्लेमर :
    इस अपडेट का कर्नाटक चुनाव परिणाम से कोई लेना- देना नहीं है !
    अगर किसी पाठक को ऐसा भ्रम हो रहा है तो वो अपने चश्मे का नंबर ठीक करा ले !
  • hahaha ek aur joota bhigokar mara hai.....
    Super like...
  • अनिल कुमार त्रिवेदी 
    प्रकाश जी ..आगे क्या हुआ ? क्या लोग जूता ही खाते रहे हमेशा ....
  • Mithilesh Pandey 
    हा हा हा बहुत खूब नेहरु ने पहले ही परिपाटी डाल दी थी की कोई एक मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो, 
    अब हम लोगो की बात ऐसा बैठ गई की की पहले ही कह देगे की की जूते को मठ्ठे में सड़ा के मारो ....
  • हा हा हा आजकल के समय मेँ सही लगा बात
  • aur ek hamari sarkaar hai ki kisi ki shikayat kaan par nahin dharti aur langoti babaon ko 
    der raat ko bhaga deti hai... :-)
  • लो कर लो बात
    मई चाहे ये करूं ,, मैं चाहे ये करूं
    मैं कोयला खायूँ , मैं चाहे स्पेक्ट्रम बेचूं
    चाहे मैं बेचू इसरो, मेरी मर्ज़ी
    चाहे मैं गद्दार बनू , चाहे मैं चमचा कहलायूँ
    लोग चाहे मुज़हे मोनी बाबा बोले
    मैं तो मैडम का गुलाम बनू
    मेरी मर्ज़ी भारत जाये भाड़ मे
    बोलो बेबस जनता की ,.,., जै
  • ha ha ha ha
  • ………………… :-)  :-)  :-)  
  • anil kumar ji age kya huva vohi jo is desh me ho rahah hai janta ke sath
  • बहुत खूब
  • aage kya joota marne walo ki sankhya bdha di gai aur log samay par kaam par jaane lage
  • हा हा हा ..क्या बात है सर जी
  • वाह प्रकाश भाई वाह ...... बहुत करारा :-)
  • "हुजूर जूते मरने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए ... हम लोगो को काम पर जाने मे देरी होती है !" ----- ha..ha..ha..ha..ha..ha..ha.,. ha..ha.. meri to hasi hi nahi ruk rahi uff .... 
    bahut teekha vyang likha hai
  • behatareen...
  • किसी को मारना हो तब भी हम यही कहेंगे के कोई तो मारो यार इसको
  • बहुत ही सुंदर .
  • sahi kaha aapne
  • karara vyangya
  • hee,,,hee,,,hee,,,hee ,,, govind sir aap bhi kaise kaise update likhte hai  :-) :-) 
  • वर्तमान समय का जिवंत चित्रण व्यंग्य के द्वारा !
  • realy nyc n so true ...
  • ji ha aaj ke vaqt ka jeevant chitran~l:::'"
  • ……………… :-) :-)
  • एक आग्रह प्रकाश जी,..जूते मारने के बाद आईना ज़रूर दिखाया जाए...  :-)
  • yahi haal aaj ke bharat ki hai...
  • हा हा हा हा बहुत प्यारा भिगो के जूता मारा सर। …… 
  • बहुत दिन के बाद एक सार्थक व्यंज्ञ पढ़ने को मिला ,जूता तो नहीं लेकिन एक बहुत करार तमाचा 
    व्यवस्था के गाल पर .बहुत उम्दा .
  • Manoj Kumar Sarswat 
    आईना भी टुट जाएगा बेचारा
  • बहुत खूब। …. लाजवाब 
  • Hahahahahahahahahahahahahaha 
  • वाह सर। …। बहुत अच्छा लिखा है ,  i hope ye pahuche sahi jagah 
  • क्या व्यंग किया है आज की जनता भी इसी तरह मूक और अपंग हो गयी है। 
    … शारीरिक और मानसिक तरह से 
  • बढ़िया व्यंग्य...चिकने घड़े सामान हो चुकी है जनता....
  • karara vyang aaj ke halat par, ye janata jise aam aadami bhi kaha jata hai 
    isaki sahan shakti gajab ki hoti hai. kabhi kuda se mulakat huyi to jarur puchhuga 
    kaise aur kis mitti se banaya hai ye aam adami.
  • Umesh Mohan Dhawan 
    बहुत बढिया
  • bahut sahi hai Prakash Govind bhai.. sahi main bahut hi joordaar joota mara hai
  • very ...................nice 
  • aap hindustan ki baat kar rahe hain.
  • Sameerkanti Sharma 
    jabardust likha hai ......
  • kya aise halat hamare desh kii janta ke nahin hain ..... ??? sab kuchh sach se bhara / 
    dekhen is desh ki janta kab jagti hai
  • 100% ...... TRUE STORY :-)
  • Pradeep Mishra Ansh 
    Mast maja aa gaya
  • इस देश की जनता की सहन शीलता का तो भगवान ही मालिक है...
  • .......... हा हा हा हा हा हा हा हा 
  • एक और चिठ्ठी में सामूहिक रूप से... खुद को तीसरा मोर्चा बताते हुए लिखा था..... जूते भले मार लो....
    मगर गाली मत देना....राजा ने गाली भी दे डाली..लेकिन तीसरे मोर्चे वाले सिबिआइ के डर से...उसी पुल से 
    जूते खाते और गाली सुनते हुए गुजर रहे है......और प्रजा अपना गम भूलकर ताली पे ताली बजा रही है....
  • =============  :-)  :-)  :-) ===============
  • Kumbhkarn hai.....nagada peete rahiye kuchh bhi naa hogaa
  • Hum Sab vahi Praja Hae.
  • Suresh Chandra 
    स्तब्ध... क्या कमाल की बात कह गए आप... लेकिन इसे भी कितनी हद तक, कितने समझ सकते हैं... 
    फिलहाल हम चुप हैं... :-)
  • Raj Bhatia 
    यह तो भारत देश की बात हे भाई.... हम चुपचाप सब सहते हे... फ़िर भी राजा ओर रानी को सलाम करते हे
  • Sanjiv Goyal 
    This is the right concept of " maansic Gulami"
  • Bhai jyada ho gyi hm logo ki bezzati itna bi nhi shege.
  • hamare desh ke raja se nipatne ke liye hame na ladna chahiye na gaali dena chahiye.  
    hame unko nazar andaz karna chahiye. ham log MLA aur MP ko gali dete hai. jab kahin 
    milte hai to ham log inki khushamad me lag jate hai us time unko dekhna bhi nahi chahiye 
    is se unka chullu bhar pani me marna ho jaye ga

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7 टिप्‍पणियां:

  1. सही कटाक्ष ! आज कल के बहुत से सदर्भों पर सटीक.

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  2. O.M.G
    bahut jordar likhte hain aap, desh ka bilkul yahi to haal hai
    bahut hi sundar tarah se bataya aapne

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    उत्तर
    1. आनंद भाई आपका आभार !
      आप तो हमारे नियमित पाठक बन गए हैं !
      फेसबुक पर भी आपका प्यारा सा मैसेज मिला,
      बहुत अच्छा लगा :-)

      हटाएं
  3. HAHAHAHAAHA .. Eid ki sivayyon ka maza dobala ho gaya Prakash Bhai .. Aaj kal ke modern raja bhi apni public k saath .. is se milta julta hi sulook kar rahe hain .. aur public bhi isi tarah ... be-hiss ho chuki hai .. Jisko bhi ye post padh k sunayi .. wo hanste hue lot pot ho gaya ..
    EID MUBAARAK

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    उत्तर
    1. पोस्ट को पसंद करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया

      सफीर भाई आपको भी ईद की मुबारकबाद***

      ऊपर वाला आपको
      खुशियो से नवाज़े और खूब बरकत दे

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  4. मरने वालों let us know the reference it is invisible

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  5. आपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 6 अगस्त से 10 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।

    कृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा

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