मंगलवार, अगस्त 06, 2013

अथ श्री सदाचारी कथा


सदाचारी और अवसरवादी दो बालक थे ! सदाचारी अपने नाम के अनुरूप आज्ञाकारी, परिश्रमी बालक ...  तो वहीँ अवसरवादी आवारागर्दी करता ... जुआं खेलता ...गांजे की चिलम खींचता ... प्रधान जी का ख़ास चेला ! 

सदाचारी पढाई में हमेशा अव्वल और अवसरवादी पता नहीं कौन से जुगाड़ से गांधी डिवीजन में पास हो ही जाता !

कालेज में भी वही हाल ! सदाचारी मन लगा के पढाई करता .. गुरुओं का सम्मान करता ... उधर अवसरवादी अपने गुट के साथ तोड़-फोड़, धरना प्रदर्शन, नेतागिरी में व्यस्त रहता ! 

थोड़े अरसे बाद ही अवसरवादी कालेज छोड़ चुका था ... वैसे भी पकड़ा ही कब था ! एक विधायक जी के पीछे लगा रहता ...तमाम तरह की दलाली जैसे सांस्कृतिक कार्यों में व्यस्त रहता ! उधर सदाचारी की पढाई जैसे तैसे साल दर साल चलती रही !

दिन गुजरते गए ...सदाचारी का संघर्ष ज्यों का त्यों .... विवाह के पश्चात तो गुजर और भी मुश्किल ... बस जैसे-तैसे कट रही थी ! उधर अवसरवादी आये दिन दिल्ली में डेरा जमाये रहता ... भागदौड़ रंग लायी .. सियासत में गोट जमा ली .. विधायकी का टिकट हासिल कर लिया !

तीन साल बाद ...


मुलाकातियों का दरबार लगा हुआ था .. अवसरवादी ने वहां सदाचारी को देखा तो मुस्कुराया ... सदाचारी की बुरी स्थिति से अवगत होने के बाद अपने पी ए को इशारा किया - "इनके कागज़ ले लेना .. देखता हूँ कुछ!

तीन महीने बाद ....

 सब सही हो गया !
सदाचारी को सरकारी ड्राईवर की पक्की नौकरी मिल गयी !
अब सदाचारी कार चलाता और अवसरवादी आराम से पीछे बैठा दिखाई देता है !

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The End 
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लेखक : प्रकाश गोविन्द
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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    • ये सत्य कथा तो लोगों को पढाई लिखाई से दूर कर देगी. दूर कर देगी.
  • कथा बिलकुल सत्य है !
  • Shrichand Balodia 
    bhartiy rajniti se avsarvadiyon ko door karna chahiye.
  • आज परिस्थिति ऐसी ही है ये बदलेगी, सदाचारी सहनशील धैर्यवान हो सकता है पर दम नहीं तोड़ सकता ।
    सुर असुर संग्राम होना है और ये बताने की जरूरत नहीं की विजयश्री किसका वरण करेगी ।
  • विजयश्री पिछले हारों सालों से अवसरवादी का ही वरन कर रही हे. आगे भी उसी का करेगी. धार्मिक लोग 
    एक तरफ तो अवसरवादी के साथ होंगे और सदाचारी को वेड पूरण पढ़ात हुए कहंगे की धीरज रखो. 
    धर्म की ही जय होती हे.और बेचारा सदाचारी नहीं जानता की धर्म तो अवसरवादी के साथ हे.
  • कलयुग मे ऐसे लोग काफी उन्नति करेगे । दिलोदिमाग मे बैठा लीजिए आगे चलकर ऐसे लोग 
    तिहाड़ जेल की शोभा बढाएगें ।
  • wah ........... laajawab
  • ये आपने हमारे क्षेत्र का जिक्र कर डाला !
  • @Brajesh Rana ji सदाचारी को धीरज रखने से काम नहीं चलेगा उसे महासंग्राम मे उतरना पड़ेगा ।
  • :-)  :-)  :-)
  • vartmaan sthiti par kya jabardast kahaani hai...jo bilkul sateek hai...
  • Avsarvadiyon ki Jai Ho .... bahut dhaardhar katha hai
  • हर जगह अवसरवादियों का ही तो राज है. वर्तमान हालात पर बहुत सही कटाक्ष किया है.
  • आपने वर्तमान की सजीव और सटीक झांकी दिखाई है / बहुत खूब 
  • aur ek din sadachari ne awasrwadi ki gaadi pool se nadi men kudaa di aur khud pahile 
    kood gyaa... is prakaar awasrwaadi kaa ant huaa... baad me sadachari ne awasaradi ki 
    biwi ko pataa liya aur fir use chunaav ladwaa diyaa... fir usse istifaa lekar khud mantri 
    ban gyaa.......... moral of the story : sadaachaari sabka baap hotaa hai..... Use lallu 
    Samajhane ki Gustakhi karne waala bahut bad lallu hota hai.
  • sadachaari Vs avsarvaadi ..rochak..@pawan mishra..ha ha ha! good comment.
  • vyavastha hi kuchh aisi hai ki jahan sadachari ke liye koi jagah nahin...sivaaye avsarvadi 
    ka driver ban-na...ya anya avsarvadi ka mulazim banna.../ waah ! Prakash ji...
  • इनके कागज़ ले लेना .. देखता हूँ कुछ !
  • Shamim Shaikh 
    sahi bat hai,
  • वाह पवन जी वाह ..... ...... आपने तो सदाचारी के अन्दर अवसरवादी की आत्मा ही प्रवेश करा दी .... 
    क्या बेहतरीन विस्तार दिया है  :-)   :-)
  • प्रकाश जी क्या है ना जब सदाचारी अपने आचार को सड़ते देखता है तो वह अपने अन्दर किसी आत्मा वात्मा 
    को प्रवेश नहीं करने बल्कि यह दिखाता है कि अवासरवादी होना कितना सरल है सदाचार का मार्ग कितना कठिन। 
    यह एक मैंने नजीर दी उन लोगो को जो आज के जमाने में सदाचार का मखौल उड़ाते है।
  • अब सदाचारी कार चलाता और अवसरवादी आराम से पीछे बैठा दिखाई देता है !
  • kya baat hai wah
  • kahani men ekdam sachchayi hai ,,,, very nice post
  • हाँ हा हा हा ..सत्य परेशान भी है और अब पराजित भी है ...
  • SADACHARI hamesha AVSARVADI se haarta aaya hai.
  • Pawan Mishra ji ne kahani ko bahut sundarta se aage badhaya hai 
  • दुर्भाग्य से हमारे देश के सदाचारि प्रतिभाए इसी ब्यवस्था के शिकार हैं |
    काश ! इस ब्यवस्था पर बदलाव के कोइ ठोस कदम उठाये जाये….
  • Guruon ki kammi ho gayi hai desh men
  • यह हकीकत है. ऐसा ही होता है.
  • अति उत्तम
  • सही लिखा है आपने... अवसरवादियों का ज़माना है आजकल.. और सदाचारी अक्सर भूखे मरते हैं....
  • avsar bhagy se milta hain . is liye bhagy ko maano
  • रामचन्द्र कह गय सिया से ऐसा कलयुग आयगा हंस चुगेगा दाना चुग्गा कोआ मोती खायगा
  • ye desh ka durbhagya hai ke aisi sthiti hai.doshi hum sabhi hain.
  • All right.
  • VERY UNFORTUNATE , SOME WHAT CRUEL TRUTH ---INDIA MAHAN HAI
  • bahut achchha
  • bahut badia sir...
  • halaat to yahi hain aaj kal ke! true story!
  • अवासरवादी तमाम तरह की दलाली जैसे सांस्कृतिक कार्यों में व्यस्त रहता !
    Bahut umda sir 
  • bahut khoob
  • BEAUTIFUL STORY 
  • आज का कटु सत्य...बहुत सुन्दर और सटीक...
  • :-)   :-)  :-)
  • एक कड़वी सच्चाई है भाई आज के दौर की.
  • Prem Kumar 
    Hai to kadwi lekin is me sachchayi hai.
  • भाई ,एक दूर के हमउम्र रिश्तेदार थे ,जब हम छोटे थे तो वो गाव आ जाया करते थे ,हम लोग खूब खेला 
    करते थे ,कुश्ती भी लड़ते थे ,वक्त बीता मई अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब लखनऊ में रह रहा था तो 
    पता लगा कि एक ...... नाम के सज्जन है ,जिनकी तूती बोलती है ,पता किया तो पता लगा कि ये वही 
    सज्जन है ,मै एक दिन मोबाइल नंबर लेकर फोन मिलाया और पुरानी बातो का जिक्र किया वो बहुत खुश हुए 
    और तुरन ही दारुल्सफा विधायक निवास में मिलने को बुलाया ,मै अपनी फटफटिया चलाता हुआ पंहुचा ,देखा 
    तो दंग रह गया ,तीन चार सैडो और कई गाडिया ,दसो लोग उन्हें घेरे हुए थे ,जब परिचय दिया तो मुलाक़ात हुयी, 
    मै अपने को हीनभावना से ग्रस्त पा रहा था ,दो दिन बाद उन्होंने बुलाया कहा कि मायावती जी का राजभवन में 
    शपथ ग्रहण समारोह है ,वो मुझे अपने साथ ले गए ,सबसे आगे कि पंक्ति में मै विराजमान था ,उनका जलवा 
    देखकर ,मुझे अपने पढ़े होने पर कोफ़्त हो रही थी ,खैर मै बुझे मन से वापस आया ,एक दो बार फिर मुलाक़ात 
    हुई ,उन्होंने कहा भी कोई काम हो तो बताऊ ,लेकिन मैंने कोई काम नहीं बताया ,खैर कुछ दिनों बाद सरकार 
    बदल गई ,मुलायम सिंह जी कि सरकार आई ,सरकार ने उनपर दो लाख का ईनाम रखा ,एक दिन सुवह अखबार 
    में मुख्या खबर थी कि एस टी ऍफ़ ने ......का इनकाउंटर कर दिया ,मै अपने को खुश्नाशीब मान रहा था ,
    मुझे लगा कि मेरी जिन्दगी ज्यादा बेहतर थी ,न कोई डर न भय
  • @Prakash ji ---) is katha me aaj k daur ki jhalak saaf dikhayi deti hai...
  • Nilesh K Patel 
    nice link
  • Prakash Govind ji kissa byani to aaina dikha rahi hai zamaane ka ....... bahut achhe ... 
    avsarvadita ........ aur jugaadbaji ...... do mukhya gun hain 
  • gadhe gulab jamun kha rhe he ,or sher gaas kha rhe he........shidu sab.ki sharyi sun lo....
    sarkare tamam umr yahi bhul karti rahi , dhul unke chehre par thi or aaina shaff karti rahi.......
  • Prakash Govind --------
    सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रहीं
    धुल उनके चेहरे पर थी और आईना साफ़ करती रही !
    -
    बहुत खूब
  • एकदम सही कटाक्ष !!!!
  • katu satya kah diya
  • चलिए अभी खैरियत है कि ड्राइविंग सीट पर सदाचार ही है....
  • Very Very Nice...
  • Kamlesh Nikhare 
    100mese 80 baiman fir bhi mera desh mahan.
  • likha to vastvik sunder hai....
  • sahi or sajeev chitran..
  • बिलकुल, प्रायोगिक सत्य है यह !
  • jugaad dot com
  • Likha to satya hai lekin hume kiska chunav karna chahiye.
  • Singh Ranjit 
    avsarvadiyon ki hi raj shaahi hai
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सोमवार, अगस्त 05, 2013

लूटा किसने .. लुटा कौन .. ??

एक बैँक लूट के दौरान लुटेरों के मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी
सब लोग लेट जाओ तूरंत ... क्विक
सब लोग लेट गये !
[इसे कहते हैँ - 'Mind Changing Concept']

एक महिला उत्तेजक मुद्रा मेँ लेटी थी
लुटेरों के मुखिया ने उससे कहा -
'ये लूट है रेप नहीँ तमीज से लेटो'
[इसे कहते हैँ - 'Focusing']

लुटेरों का एक साथी जो कि MBA किये हुआ था,
उसने कहा कि पैसे गिन लेँ ?
मुखिया ने कहा बेवकुफ वो टीवी पर देखना न्यूज में,
[इसे कहते हैँ - 'Experience']

लुटेरे 20 लाख लेकर भाग गए
असिस्टेंट मैनेजर ने कहा - 'एफ आई आर' करें ?
मैनेजर ने कहा - '10 लाख निकाल लो और जो हमने 50 लाख का
गबन किया वो भी लूट में जोड़ लो .... काश हर महीने डकैती हो'
[इसे कहते हैँ - 'Opportunity']

टीवी पर न्यूज आई - "बैँक से 80 लाख लूटे"
लुटेरोँ ने कई बार गिने 20 लाख ही थे
उनको समझ में आ गया कि इतनी जोखिम के बाद उनको 20 लाख ही मिले,
जबकि साले मैनेजर ने 60 लाख यूंही बना लिए

असली लूटेरे कौन ??
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End
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लेखक : प्रकाश गोविन्द
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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  • मैनेजर
  • hahahaha zordaar
  • यही देश में चल रहा है ,,,,,
  • इसे कहते हैं लेखक की कलम …. वाह 
  • jhakkhas dhin chika dhin
  • bahut khoob Prakash bhai
  • Waah... Bahut bahut jabardast !!!
  • bahut khoob
  • haa-haa-haa  …. दैनिक खर्चे में 10 रुपये फालतू लिखने वाला चपरासी चोर है और 2000 रुपये कमाने 
    वाला अफसर कार्यकुशल...........
  • मंत्री लोग
  • वाह /बहुत ही जानदार कटाक्ष /बधाई !!
  • hee,,,,hee,,,,hee,,,,hee ... Bahut Majedar..... Asli Lutera to Bank Manager hai ... 
    Luteron ko Manager se Training leni chahiye 
  • kamaal ka vyang kiya aapne / bahut achha badhayi
  • BEHTAREEN ...BEHAD UMDA .. poore desh men isi tarah ka GOL-MAAL chal raha hai. 
  • Highwayy Professionalss 
    sir this is called threat .. ha ha ha nice post Prakash ji
  • Tr R K Singh
    बहुत अच्छे शाबाश
  • हा हा हा हा सही है कमाल का उदाहरण
  • ha ha ha ha good
  • ahaa बेईमानी तेरा ही आसरा ......
  • सर मान गए ....!!!
    बहुत ही बढ़िया और बहुत उम्दा सोच है आपकी ...! 
    आपने इस देश की अंतर्व्यवस्था का असली चेहरा सामने लाके खडा कर दिया .!!!
    कुछ कहने को नहीं है मेरे पास …. 
  • Waaah ! Kamaal ka likha hai 
  • अगर हर दो-तीन महीने में इसी तरह बैंक में डकैती पड़ती रहे तो बैंक मैनेजर की तो मौज ही मौज है  :-)
    बहुत ही शानदार अपडेट है …….…  मजा आ गया 
  • बहुत खूब तंज , हर एक अपने-आपने रंग .............!
  • Piyush Agarwal 
    क्या आपके सवाल का जवाब "नेता" है ??
  • Choudhary Neeraj 
    गजब..
  • बहुत ही बढ़िया व्यंग्य ..
  • superlike........ mast...........bahut sunder .......
    kya sixser mara hai aapne dhoni se bhi jabardast..................
  • बहोत बढ़िया प्रकाश जी , सार्थक कहानी .........
  • kya baat hai...
  • Asli lutere aap hai jo sabki izzat lootne par tule hue ho hahahahahaha
  • lajvab ....awesome script.....
  • Raman Singh 
    truth & fun
  • Ashish Mishra 
    funny truth
  • bahoot khub.. lajawab
  • Deepak Tak 
    no comments..
  • choron ke sir par more lol
  • क्या लूट है!
  • RD Shahi 
    kare koe ,bhare koe.
  • Gautam Kumar 
    kya baat h. 
  • Sanjiv Goyal 
    GOOD
  • E x cellent lnstance wow.
  • Tilak Raj 
    Lootere adhik sajag padhe likhe imandar likle or bank ke karmchari to looteron ke 
    baap likle wah kya sacchai udghatit ki hai
  • wonderful truth ----this is called, EXPLORING
  • Shandaar ------prasangik
  • Waah waah waah maja aa gaya kasam se
  • Bhut bdiya bhai.
  • KYA KYA MARAK TEER KAMAAN GADHE HAIN.......
    AAPNE TEEN KAHA THA HUMNE AATH (8) PADHEN HAIN....Prakash Govind......ji......
  • Yameen Khan 
    ha ha ha nice
  • Truly amazing.. 
  • Padam Singh 
    lutera jaroor fansega or saari hekadi nikal jayegi
  • hahahahaha sahi hai..
  • PRAKASH je bahut khoob
  • Jitendra Potta 
    itna easy or common nahi esa karna kuch to accountability abhi baki hai mere dost.
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रविवार, अगस्त 04, 2013

समझदार सरपंच और मौसम विभाग

एक बार मुझे मेरे गाँव का सरपंच बना दिया गया.. गाँव वालो ने सोचा की छोरा पड़ा लिखा है...समझदार है, अगर ये सरपंच बन गया तो गाँव की भलाई के लिए काम करेगा..

मौसम बदला, सर्दियों के आने के महीने भर पहले गाँव वालो ने मुझसे पूछा कि - 
"सरपंच साहब इस बार सर्दी कितनी तेज पड़ेगी ?"
मैंने गाँव वालों से कहा की 'मैं आपको कल बताऊंगा..'

मैं तुरंत ही शहर की और निकल गया..वहा जाकर मौसम विभाग में पता किया तो मौसम विभाग वाले बोले - "सरपंच साहब इस बार बहुत तेज सर्दी पड़ने वाली है.."
मैंने भी दुसरे दिन गाँव में आकर ऐसा ही बोल दिया...

गाँव वालो को विश्वास था की अपने सरपंच साहब पढ़े लिखे हैं..शहर से पता करके आये हैं तो सही कह रहे होंगे..गाँव वालो की नजर में मेरी इज्जत और बढ़ गयी .. तेज सर्दिया पड़ने की बात सुनकर गाँव वालो ने सर्दी से बचने के लिए लकडिया इक्कठी करनी शुरू कर दी.

महीने भर बाद जब सर्दियों का कोई नामोनिशान नहीं दिखा तो गाँव वालो ने मुझसे फिर पूछा..
मैंने उन्हें फिर दुसरे दिन के लिए टाला..और शहर के मौसम विभाग में पहुँच गया..

मौसम विभाग वाले बोले की "सरपंच साहब आप चिंता मत करो इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे.."
मैंने ऐसा ही गाँव में आकर बोल दिया..
मेरी बात सुनकर गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी करने लग गए..

इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए लेकिन सर्दियों का कोई नामोनिशान नहीं दिखा..
गाँव वाले फिर मेरे पास आये..मैं फिर मौसम विभाग जा पहुंचा..
मौसम विभाग वालो ने फिर वही जवाब दिया की - 
"सरपंच साहब आप देखते जाइये की सर्दी क्या जुलम ढाती है ?"

मैंने फिर से गाँव में आकर ऐसा ही बोल दिया..
अब तो गाँव वाले सारे काम धंधे छोड़कर सिर्फ लकडिया इक्कठी करने के काम में लग गए..

इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए.. लेकिन सर्दिया शुरू नहीं हुई ..
गाँव वाले मुझे कोसने लगे.. मैंने उनसे एक दिन का वक्त और माँगा..

मैं तुरंत मौसम विभाग पहुंचा तो उन्होंने फिर ये जवाब दिया की - 
"सरपंच साहब इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं .."
अब मेरा भी धैर्य जवाब दे गया..
मैंने पूछा - "आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं ?"
मौसम विभाग वाले बोले - "सरपंच साहब हम पिछले दो महीने से देख रहे हैं ... पड़ोस के गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी कर रहे हैं .. इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है....."

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The End
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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  • hahaahahahahaahahahaahahaahaha ! Squire 1
  • hehehehehehehehehehehehehehehehehe ..
  • Jeevan Kumar Saraswat 
    ये आज का मौसम विभाग है जो रिजर्वेशन का लाभ ले कर तैयार किया गया है  …  और ठीक ऐसे ही सरपंच जी हैं  :-)  
  • Kya Baat Hai … Kya Baat Hai … Waaah 
  • व्यंग्य के लिए धन्यवाद भैय्या जी आपने हंसा दिया... 
  • हा हा हा ...बाप रे ! इतनी विश्वसनीय खबर ....
  • Raj Bhatia 
    तीनो ही महा बेवकुफ़ थे...
  • अब फंस ही गये थे तो निर्मल बाबा से कोई उपाय पूछ लेना था
  • Hahahaha ! Waah Sir Maje Aa gye... Agar Ye Koyi Tej Barsaat Wali Jaisi koyi Baat Hoti To' Aadhe Gaanv waale Plaayan Kar Chuke Hote... 
    Baad Me, Aadhe Bhook~Akaal Se.
  • hee,,hee,,hee,,hee waah re mausam vibhag wale 
  • Vijay Kumar Singhal 
    ही...ही...ही...खी...खी..खी....खी.....
  • 'पड़ोस के गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी कर रहे हैं..
    इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है... ha...ha...ha...ha...ha...ha.. 
    hasi rokna mushkil ho gaya padhkar. maja aa gaya
  • Very classic Post 
  • ise kahte hai sahi panch
  • अच्छा है
  • hahahahahahahahahahahahaha ..
  • ईधन तो जमा हो गया   …  अगर सर्दी नहीं पड़ी तो क्या हुआ चूल्हा तो जलता रहेगा 
  • हा .हा ...हा.../ बहुत खूब ! लेकिन / ये / तो / साधारण व्यक्ति भी जनता है कि 
    जिस दिन मौसम विभाग भारी बारिश की चेतावनी जारी करता है // उस दिन बूँदें भी 
    नहीं पड़ती /  फिर / गाँव वालों ने आपको पीटा होगा !!
  • गाँव वाले सरपंच की मेहनत और लगन को नजरअंदाज नहीं करते …  वो लकड़ी के 
    इस्तेमाल का दूसरा तरीका सरपंच से सीख लेते  … सरपंच बनाया है तो इज्जत भी करेंगे 
  • Sikandar Ali 
    symbiosis.
  • हा हा हा हा हा हा हा हा हा  ..... बहुत खूब 
  • हा हा हा हा भारत का मौसम विभाग यही कर रहा है
  • Sir i got ot hidden msg he isme
  • Govind bhayi jaada to nipat gaya ... ab barsaat ke baare men 
    mausam vibhag ke bharose na rahna 
  • hahahaaaaaaaaaaaaaa
  • हा हा हा...हमारे पुराने लोग ही अच्‍छे थे जो आसमान को निहार कर बता देते थे कि 
    बारिस कब होने वाली है..
  • Savita Singh जी ये बात तो आपने खूब कही  ..... सच में आज भी प्रकृति से जुड़े लोग 
    आसमान को देखकर ….  हवा की चाल देखकर … जीव-जंतुओं का व्यवहार देखकर 
    काफी कुछ बता दिया करते थे .……. मौसम विभाग से तो वही लोग बेहतर 
  • 'मैं आपको कल बताऊंगा..'
  • हा...हा...हा... बहुत ही बढ़िया...मजेदार...कहानी का असली मज़ा तब ही है जब 
    अंत तक उत्सुकता बनी रहे..
  • प्रकाश....तुम ऐसे ही सरपंच बने रहो...ताकि..लोग पढ़ते..समझते रहे....
  • जय हो … मौसम विभाग की और सरपंच जी की ।  
    ईश्वर बचाए सरकारी संस्थाओं की कार्य प्रणाली से ......
  • Oh  My  God  :-)    :-)    :-)  
  • Gayatri Roy Ghosh 
    Too Good 
  • Ssd Agrawal प्रकाश जी, धन्यवाद इस रसीले व्यंग के लिए । 
    आप की इस लघु कथा पर एक घटना याद आ गयी जल्द ही आपके कमेन्ट के लिए 
    पोस्ट करूंगा ।
  • haaaaaaaaahaaaaaaaaaaaaaa..........
  • सरपंच साहब की जय... 
  • Hahahahahaha...hahahaha.
  • Hahahahahahaahah
    main aapko 2 din pahle ka kissa hi batata hun. mera ek khas mitra hai 
    wah aur me ek mitra ke waha ja rahe the to ek uncle scuter chalu kar rahe 
    the unka skuter chalu nahi ho pa raha tha to wo ctuter chalu karne ke bad 
    ek samne ghar ke aage naman karte he jhuke to ek uncle aur samne se 
    road pe aare the to unhe sekh ku6 second bad unhone bhi naman kiya 
    sheesh jhuka kar

    uske bad ek uncle agle 50-60 sec. Me bike jate huye sis jhukate huye us 
    ghar ke samne naman kiya.....!!!!  Mere mitra ne dekha ye ho kya raha hai sab ek dam se naman kar rahe hai. sheesh jhuka kar to aise me woh bhi gaya ghar ke samne aur jhaaka dur se

    aur ek dam se shees jhuka kar naman kiya aur chalte bana yah kriya humare sath woh scuter wale uncle bhi dekh rahe the....!

    Hum aage chal pade wo uncle scuter leke aage aaye aur rok kr poochha 
    yah ho kya raha hai ..... to humne jawab diya ki aapko dekh sab jhuke 
    aur hum ne dekha ki sab naman kar rahe hai to humane bi kar diya

    aur hume samjh me aagaya ki ye to ek dusare ke dekha daakhi karke 
    shees naman kar rahe the....... us waqt uncle jee ka muh dekhne 
    laayak tha aur hum bad me aake bahut hase fir
  • सरपंच साहब की जय जय..
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