Haasya-Vyang / हास्य-व्यंग लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Haasya-Vyang / हास्य-व्यंग लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, अगस्त 05, 2013

लूटा किसने .. लुटा कौन .. ??

एक बैँक लूट के दौरान लुटेरों के मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी
सब लोग लेट जाओ तूरंत ... क्विक
सब लोग लेट गये !
[इसे कहते हैँ - 'Mind Changing Concept']

एक महिला उत्तेजक मुद्रा मेँ लेटी थी
लुटेरों के मुखिया ने उससे कहा -
'ये लूट है रेप नहीँ तमीज से लेटो'
[इसे कहते हैँ - 'Focusing']

लुटेरों का एक साथी जो कि MBA किये हुआ था,
उसने कहा कि पैसे गिन लेँ ?
मुखिया ने कहा बेवकुफ वो टीवी पर देखना न्यूज में,
[इसे कहते हैँ - 'Experience']

लुटेरे 20 लाख लेकर भाग गए
असिस्टेंट मैनेजर ने कहा - 'एफ आई आर' करें ?
मैनेजर ने कहा - '10 लाख निकाल लो और जो हमने 50 लाख का
गबन किया वो भी लूट में जोड़ लो .... काश हर महीने डकैती हो'
[इसे कहते हैँ - 'Opportunity']

टीवी पर न्यूज आई - "बैँक से 80 लाख लूटे"
लुटेरोँ ने कई बार गिने 20 लाख ही थे
उनको समझ में आ गया कि इतनी जोखिम के बाद उनको 20 लाख ही मिले,
जबकि साले मैनेजर ने 60 लाख यूंही बना लिए

असली लूटेरे कौन ??
===========
End
===========
लेखक : प्रकाश गोविन्द
-------------------------

फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
bar
----------------------------------------------------------------------------------------------

  • मैनेजर
  • hahahaha zordaar
  • यही देश में चल रहा है ,,,,,
  • इसे कहते हैं लेखक की कलम …. वाह 
  • jhakkhas dhin chika dhin
  • bahut khoob Prakash bhai
  • Waah... Bahut bahut jabardast !!!
  • bahut khoob
  • haa-haa-haa  …. दैनिक खर्चे में 10 रुपये फालतू लिखने वाला चपरासी चोर है और 2000 रुपये कमाने 
    वाला अफसर कार्यकुशल...........
  • मंत्री लोग
  • वाह /बहुत ही जानदार कटाक्ष /बधाई !!
  • hee,,,,hee,,,,hee,,,,hee ... Bahut Majedar..... Asli Lutera to Bank Manager hai ... 
    Luteron ko Manager se Training leni chahiye 
  • kamaal ka vyang kiya aapne / bahut achha badhayi
  • BEHTAREEN ...BEHAD UMDA .. poore desh men isi tarah ka GOL-MAAL chal raha hai. 
  • Highwayy Professionalss 
    sir this is called threat .. ha ha ha nice post Prakash ji
  • Tr R K Singh
    बहुत अच्छे शाबाश
  • हा हा हा हा सही है कमाल का उदाहरण
  • ha ha ha ha good
  • ahaa बेईमानी तेरा ही आसरा ......
  • सर मान गए ....!!!
    बहुत ही बढ़िया और बहुत उम्दा सोच है आपकी ...! 
    आपने इस देश की अंतर्व्यवस्था का असली चेहरा सामने लाके खडा कर दिया .!!!
    कुछ कहने को नहीं है मेरे पास …. 
  • Waaah ! Kamaal ka likha hai 
  • अगर हर दो-तीन महीने में इसी तरह बैंक में डकैती पड़ती रहे तो बैंक मैनेजर की तो मौज ही मौज है  :-)
    बहुत ही शानदार अपडेट है …….…  मजा आ गया 
  • बहुत खूब तंज , हर एक अपने-आपने रंग .............!
  • Piyush Agarwal 
    क्या आपके सवाल का जवाब "नेता" है ??
  • Choudhary Neeraj 
    गजब..
  • बहुत ही बढ़िया व्यंग्य ..
  • superlike........ mast...........bahut sunder .......
    kya sixser mara hai aapne dhoni se bhi jabardast..................
  • बहोत बढ़िया प्रकाश जी , सार्थक कहानी .........
  • kya baat hai...
  • Asli lutere aap hai jo sabki izzat lootne par tule hue ho hahahahahaha
  • lajvab ....awesome script.....
  • Raman Singh 
    truth & fun
  • Ashish Mishra 
    funny truth
  • bahoot khub.. lajawab
  • Deepak Tak 
    no comments..
  • choron ke sir par more lol
  • क्या लूट है!
  • RD Shahi 
    kare koe ,bhare koe.
  • Gautam Kumar 
    kya baat h. 
  • Sanjiv Goyal 
    GOOD
  • E x cellent lnstance wow.
  • Tilak Raj 
    Lootere adhik sajag padhe likhe imandar likle or bank ke karmchari to looteron ke 
    baap likle wah kya sacchai udghatit ki hai
  • wonderful truth ----this is called, EXPLORING
  • Shandaar ------prasangik
  • Waah waah waah maja aa gaya kasam se
  • Bhut bdiya bhai.
  • KYA KYA MARAK TEER KAMAAN GADHE HAIN.......
    AAPNE TEEN KAHA THA HUMNE AATH (8) PADHEN HAIN....Prakash Govind......ji......
  • Yameen Khan 
    ha ha ha nice
  • Truly amazing.. 
  • Padam Singh 
    lutera jaroor fansega or saari hekadi nikal jayegi
  • hahahahaha sahi hai..
  • PRAKASH je bahut khoob
  • Jitendra Potta 
    itna easy or common nahi esa karna kuch to accountability abhi baki hai mere dost.
---------------------------------------------------------------------------------------------
bar

रविवार, अगस्त 04, 2013

समझदार सरपंच और मौसम विभाग

एक बार मुझे मेरे गाँव का सरपंच बना दिया गया.. गाँव वालो ने सोचा की छोरा पड़ा लिखा है...समझदार है, अगर ये सरपंच बन गया तो गाँव की भलाई के लिए काम करेगा..

मौसम बदला, सर्दियों के आने के महीने भर पहले गाँव वालो ने मुझसे पूछा कि - 
"सरपंच साहब इस बार सर्दी कितनी तेज पड़ेगी ?"
मैंने गाँव वालों से कहा की 'मैं आपको कल बताऊंगा..'

मैं तुरंत ही शहर की और निकल गया..वहा जाकर मौसम विभाग में पता किया तो मौसम विभाग वाले बोले - "सरपंच साहब इस बार बहुत तेज सर्दी पड़ने वाली है.."
मैंने भी दुसरे दिन गाँव में आकर ऐसा ही बोल दिया...

गाँव वालो को विश्वास था की अपने सरपंच साहब पढ़े लिखे हैं..शहर से पता करके आये हैं तो सही कह रहे होंगे..गाँव वालो की नजर में मेरी इज्जत और बढ़ गयी .. तेज सर्दिया पड़ने की बात सुनकर गाँव वालो ने सर्दी से बचने के लिए लकडिया इक्कठी करनी शुरू कर दी.

महीने भर बाद जब सर्दियों का कोई नामोनिशान नहीं दिखा तो गाँव वालो ने मुझसे फिर पूछा..
मैंने उन्हें फिर दुसरे दिन के लिए टाला..और शहर के मौसम विभाग में पहुँच गया..

मौसम विभाग वाले बोले की "सरपंच साहब आप चिंता मत करो इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे.."
मैंने ऐसा ही गाँव में आकर बोल दिया..
मेरी बात सुनकर गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी करने लग गए..

इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए लेकिन सर्दियों का कोई नामोनिशान नहीं दिखा..
गाँव वाले फिर मेरे पास आये..मैं फिर मौसम विभाग जा पहुंचा..
मौसम विभाग वालो ने फिर वही जवाब दिया की - 
"सरपंच साहब आप देखते जाइये की सर्दी क्या जुलम ढाती है ?"

मैंने फिर से गाँव में आकर ऐसा ही बोल दिया..
अब तो गाँव वाले सारे काम धंधे छोड़कर सिर्फ लकडिया इक्कठी करने के काम में लग गए..

इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए.. लेकिन सर्दिया शुरू नहीं हुई ..
गाँव वाले मुझे कोसने लगे.. मैंने उनसे एक दिन का वक्त और माँगा..

मैं तुरंत मौसम विभाग पहुंचा तो उन्होंने फिर ये जवाब दिया की - 
"सरपंच साहब इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं .."
अब मेरा भी धैर्य जवाब दे गया..
मैंने पूछा - "आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं ?"
मौसम विभाग वाले बोले - "सरपंच साहब हम पिछले दो महीने से देख रहे हैं ... पड़ोस के गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी कर रहे हैं .. इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है....."

=========
The End
=========
फेसबुक लिंक :  
फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
bar
------------------------------------------------------------------------------------ 


  • hahaahahahahaahahahaahahaahaha ! Squire 1
  • hehehehehehehehehehehehehehehehehe ..
  • Jeevan Kumar Saraswat 
    ये आज का मौसम विभाग है जो रिजर्वेशन का लाभ ले कर तैयार किया गया है  …  और ठीक ऐसे ही सरपंच जी हैं  :-)  
  • Kya Baat Hai … Kya Baat Hai … Waaah 
  • व्यंग्य के लिए धन्यवाद भैय्या जी आपने हंसा दिया... 
  • हा हा हा ...बाप रे ! इतनी विश्वसनीय खबर ....
  • Raj Bhatia 
    तीनो ही महा बेवकुफ़ थे...
  • अब फंस ही गये थे तो निर्मल बाबा से कोई उपाय पूछ लेना था
  • Hahahaha ! Waah Sir Maje Aa gye... Agar Ye Koyi Tej Barsaat Wali Jaisi koyi Baat Hoti To' Aadhe Gaanv waale Plaayan Kar Chuke Hote... 
    Baad Me, Aadhe Bhook~Akaal Se.
  • hee,,hee,,hee,,hee waah re mausam vibhag wale 
  • Vijay Kumar Singhal 
    ही...ही...ही...खी...खी..खी....खी.....
  • 'पड़ोस के गाँव वाले पागलो की तरह लकडिया इक्कठी कर रहे हैं..
    इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है... ha...ha...ha...ha...ha...ha.. 
    hasi rokna mushkil ho gaya padhkar. maja aa gaya
  • Very classic Post 
  • ise kahte hai sahi panch
  • अच्छा है
  • hahahahahahahahahahahahaha ..
  • ईधन तो जमा हो गया   …  अगर सर्दी नहीं पड़ी तो क्या हुआ चूल्हा तो जलता रहेगा 
  • हा .हा ...हा.../ बहुत खूब ! लेकिन / ये / तो / साधारण व्यक्ति भी जनता है कि 
    जिस दिन मौसम विभाग भारी बारिश की चेतावनी जारी करता है // उस दिन बूँदें भी 
    नहीं पड़ती /  फिर / गाँव वालों ने आपको पीटा होगा !!
  • गाँव वाले सरपंच की मेहनत और लगन को नजरअंदाज नहीं करते …  वो लकड़ी के 
    इस्तेमाल का दूसरा तरीका सरपंच से सीख लेते  … सरपंच बनाया है तो इज्जत भी करेंगे 
  • Sikandar Ali 
    symbiosis.
  • हा हा हा हा हा हा हा हा हा  ..... बहुत खूब 
  • हा हा हा हा भारत का मौसम विभाग यही कर रहा है
  • Sir i got ot hidden msg he isme
  • Govind bhayi jaada to nipat gaya ... ab barsaat ke baare men 
    mausam vibhag ke bharose na rahna 
  • hahahaaaaaaaaaaaaaa
  • हा हा हा...हमारे पुराने लोग ही अच्‍छे थे जो आसमान को निहार कर बता देते थे कि 
    बारिस कब होने वाली है..
  • Savita Singh जी ये बात तो आपने खूब कही  ..... सच में आज भी प्रकृति से जुड़े लोग 
    आसमान को देखकर ….  हवा की चाल देखकर … जीव-जंतुओं का व्यवहार देखकर 
    काफी कुछ बता दिया करते थे .……. मौसम विभाग से तो वही लोग बेहतर 
  • 'मैं आपको कल बताऊंगा..'
  • हा...हा...हा... बहुत ही बढ़िया...मजेदार...कहानी का असली मज़ा तब ही है जब 
    अंत तक उत्सुकता बनी रहे..
  • प्रकाश....तुम ऐसे ही सरपंच बने रहो...ताकि..लोग पढ़ते..समझते रहे....
  • जय हो … मौसम विभाग की और सरपंच जी की ।  
    ईश्वर बचाए सरकारी संस्थाओं की कार्य प्रणाली से ......
  • Oh  My  God  :-)    :-)    :-)  
  • Gayatri Roy Ghosh 
    Too Good 
  • Ssd Agrawal प्रकाश जी, धन्यवाद इस रसीले व्यंग के लिए । 
    आप की इस लघु कथा पर एक घटना याद आ गयी जल्द ही आपके कमेन्ट के लिए 
    पोस्ट करूंगा ।
  • haaaaaaaaahaaaaaaaaaaaaaa..........
  • सरपंच साहब की जय... 
  • Hahahahahaha...hahahaha.
  • Hahahahahahaahah
    main aapko 2 din pahle ka kissa hi batata hun. mera ek khas mitra hai 
    wah aur me ek mitra ke waha ja rahe the to ek uncle scuter chalu kar rahe 
    the unka skuter chalu nahi ho pa raha tha to wo ctuter chalu karne ke bad 
    ek samne ghar ke aage naman karte he jhuke to ek uncle aur samne se 
    road pe aare the to unhe sekh ku6 second bad unhone bhi naman kiya 
    sheesh jhuka kar

    uske bad ek uncle agle 50-60 sec. Me bike jate huye sis jhukate huye us 
    ghar ke samne naman kiya.....!!!!  Mere mitra ne dekha ye ho kya raha hai sab ek dam se naman kar rahe hai. sheesh jhuka kar to aise me woh bhi gaya ghar ke samne aur jhaaka dur se

    aur ek dam se shees jhuka kar naman kiya aur chalte bana yah kriya humare sath woh scuter wale uncle bhi dekh rahe the....!

    Hum aage chal pade wo uncle scuter leke aage aaye aur rok kr poochha 
    yah ho kya raha hai ..... to humne jawab diya ki aapko dekh sab jhuke 
    aur hum ne dekha ki sab naman kar rahe hai to humane bi kar diya

    aur hume samjh me aagaya ki ye to ek dusare ke dekha daakhi karke 
    shees naman kar rahe the....... us waqt uncle jee ka muh dekhne 
    laayak tha aur hum bad me aake bahut hase fir
  • सरपंच साहब की जय जय..
  • --------------------------------------------------------------------------------------------------
    --------------------------------------------------------------------------------------------------
    bar

    शनिवार, अगस्त 03, 2013

    गधे की मजार

    एक फकीर किसी बंजारे की सेवा से बहुत प्रसन्‍न हो गया। और उस बंजारे को उसने एक गधा भेंट किया। बंजारा बड़ा प्रसन्‍न था गधे के साथ। अब उसे पेदल यात्रा न करनी पड़ती थी। सामान भी अपने कंधे पर न ढोना पड़ता था। और गधा बड़ा स्‍वामीभक्‍त था। 

    लेकिन एक यात्रा पर गधा अचानक बीमार पडा और मर गया। दुःख में उसने उसकी कब्र बनायी, और कब्र के पास बैठकर रो रहा था कि एक राहगीर गुजरा। उस राहगीर ने सोचा कि जरूर किसी महान आत्‍मा की मृत्‍यु हो गयी है। तो वह भी झुका कब्र के पास। इसके पहले कि बंजारा कुछ कहे, उसने कुछ रूपये कब्र पर चढ़ाये। बंजारे को हंसी भी आई आयी। लेकिन तब तक भले आदमी की श्रद्धा को तोड़ना भी ठीक मालुम न पडा। और उसे यह भी समझ में आ गया कि यह बड़ा उपयोगी व्‍यवसाय है। 

    फिर उसी कब्र के पास बैठकर रोता, यही उसका धंधा हो गया। लोग आते, गांव-गांव खबर फैल गयी कि किसी महान आत्‍मा की मृत्‍यु हो गयी। और गधे की कब्र किसी पहूंचे हुए फकीर की समाधि बन गयी। ऐसे वर्ष बीते, वह बंजारा बहुत धनी हो गया। 

    फिर एक दिन जिस सूफी साधु ने उसे यह गधा भेंट किया था। वह भी यात्रा पर था और उस गांव के करीब से गुजरा। उसे भी लोगों ने कहा, "एक महान आत्‍मा की कब्र है यहां, दर्शन किये बिना मत चले जाना।" 


    वह गया देखा उसने इस बंजारे को बैठा, तो उसने पूछा - "किसकी कब्र है यहा, और तू यहां बैठा क्‍यों रो रहा है ?"  
    उस बंजारे ने कहां, "अब आप से क्‍या छिपाना, जो गधा आप ने दिया था। उसी की कब्र है। जीते जी भी उसने बड़ा साथ दिया और मर कर और ज्‍यादा साथ दे रहा है।" 

    सुनते ही फकीर खिल खिलाकर हंसाने लगा। उस बंजारे ने पूछा - "आप हंसे क्‍यों ?" 

    फकीर ने कहां - "तुम्‍हें पता है। जिस गांव में मैं रहता हूं वहां भी एक पहूंचे हएं महात्‍मा की कब्र है। उसी से तो मेरा काम चलता है।" 

    बंजारे ने पूछा - "वह किस महात्‍मा की कब्र है ?" 

    फकीर ने जवाब दिया- "वह इसी गधे की मां की कब्र है।"  


    ------------------------------------------------------------------------------------------
    धर्म के नाम पर अंधविश्‍वासों का, व्यर्थ के क्रियाकांड़ो, यज्ञों, हवनों का बड़ा विस्‍तार है। फिर जो परंपरा एक बार चल पड़ी, उसे हटाना मुश्‍किल हो जाता है। जो बात लोगों के मन में बैठ गयी। उसे मिटाना मुश्‍किल हो जाता है।
    -----------------------------------------------------------------------------------------
    फेसबुक लिंक :
    http://www.facebook.com/prakash.govind/posts/280866765256962

    फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
    bar

    • सुरेश चंद्र गुप्ता 
      ऐसी कब्रें आप को जगह-जगह मिल जायेंगी. अच्छा धंधा चला रहे हैं कुछ लोग !
    • लोग भोले भाले जनता के आस्था का दुरूपयोग करते हैं और उन्हें बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा 
      करते हैं, इसमें तनिक भी संदेह नही है | एक अच्छी कहानी के लिए धन्यवाद |
    • देखा देखी पाप और देखा देखी धर्म कर्म करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।
    • प्रकाश गोविंद जी लाजवाब कमाल कर दिया धन्यवाद आपको !
    • Bahut-bahut shukira Sir ! Kmaal ka message hai hamare liye jo is tarah Andhvishwas 
      karte hain.
    • Pakhandon par prahaar karti Sundar katha ...
    • sachmuch yahi hota h duniya men.
    • Amit Mishra 
      exactly, i m agreed this !
    • Ohh My God !!   ...  kya sahi baat likhi hai aapne .. waah
    • Rosey Insan 
      it happens only in INDIA...
    • is katha ke madhyam se andhvishwas par zabardast kataksh...
    • Pk Shrivastava 
      Pakhandon par prahaar karti Sundar katha.
    • Shrish Benjwal Sharma
      ऐसे अनेक गधों की कब्रें पीर-मजार के तौर पर चल रही हैं।
    • सच है यहाँ गधों को ही पूजा जा रहा है और यही गधा जब कब्र में चला जाता है तो और महत्वपूर्ण हो 
      जाता हैं , इसको कहते हैं गधा पच्चीसी !
    • kota me dre ke pas ek kutte kaa majaar hai jabki aerodram kshetr me ghode vaale baaba 
      kaa naam hai.
    • laajawaab ................. 
    • धर्म ब्यवसाइयों पर ब्यंग करती सुन्दर रचना प्रकाश जी !
    • Tiwari Pratibha 
      Nice story.........like this nice quote.
    • Akram Khan 
      aap ne sahi farmaya janaab. agree with u
    • Rajendra Singh Dogra 
      saare dharm sirf andhvishwaas hi to hain....jise aap maante hain usako chhodkar 
      dharmaavalambi bhi dusaron ki aastha ko andh vishwaas hi samjhate hain.... then why 
      to discriminate.... all are only Andh-Vishwaas......
    • हर चीज के कई अन्य पहलू भी होते हैं ... ऐसी कब्रें-दरगाहें जब कहीं स्थापित होती हैं तो समाज का 
      बहुत भला होता है ! कितने ही कलाकारों जैसे तांत्रिक, बाबा, फकीर, नजूमी, चमत्कारी अंगूठी, ताबीज़, 
      लाकेट बेचने वाले, ठगी करने वाले, जेबकतरे और उचक्के बेचारों को रोज़गार मिल जाता है ! इसी बहाने 
      तमाम पुलिस भी सक्रिय रहती है वरना उनमें जंग लग जायेगी ! काला धन जमा करने वाले सेठ, उद्योगपति 
      ऐसी जगहों पर दान और चढ़ावा देकर अपने मन का बोझ लगातार कम कर लेते हैं ! आप सोचेंगे तो इस 
      तरह के अनेक और हित भी जुड़े नजर आयेंगे ... इसलिए ऐसी कब्रों का होना आवश्यक है !
    • Daya Shanker Pandey
      Yesa hi hota hai, paisa kamane ke liye thagi aur makkari ka prayog karna hai, bhakti ke 
      naam par bewkufoa ki kami nahi hai.
    • धर्म के नाम पर अंधविश्‍वासों का, व्यर्थ के क्रियाकांड़ो, यज्ञों, हवनों का बड़ा विस्‍तार है। फिर जो परंपरा 
      एक बार चल पड़ी, उसे हटाना मुश्‍किल हो जाता है। जो बात लोगों के मन में बैठ गयी। उसे मिटाना 
      मुश्‍किल हो जाता है।
    • Jayprakash Singh 
      baapu ji kehte hain ki do pair waala peer hai to chaar pair waala bada peer  hahaahhaha
    • अनूप श्रीनारायण 
      वर्तमान समय में सबसे अच्छा धंधा
    • Vishwat Sen 
      waah bahut achchha prasang hai
    • वाह क्या बात है.जय हो स्वामी गधानंद महाराज की ...
    • श्रद्धा में बहुत कुछ अतार्किक होता है । जितना अतार्किक उसकी परीक्षा किए बिना मानना है, उतना ही 
      या उससे अधिक अतार्किक उसकी परीक्षा किए बिना खारिज कर देना है । खरिज करने से पहले इतना 
      धीरज तो रखना ही चाहिए कि इसके पक्ष में जो तर्क दिए जा रहे हैं, वे कितने सत्य हैं । अपनाने के लिए 
      तो दोनो रास्ते ठीक हैं कि परीक्षा करके माने या दूसरों पर भरोसा करके बिना परीक्षा के मान ले । 
      पर खारिज करने में ऐसा ठीक नहीं । इसीलिए बिना परीक्षा खारिज को शायद अधिक अतार्किक कहा है ।
    • लोग समझना चाहते,नहीं धर्म के खेल ! काट रहे आनंद से,रूढ़ि प्रचारित जेल !!
    • Manoj Purohit 
      aaj kal har taraf yahi chal raha hai.
    • Manoj Kumar 
      वाह गजब की प्रेरक कहानी
    • Santosh Kumar 
      Interesting
    • bahut hi rochak or achha likha sir.
    • Rajesh Tiwari 
      Dunia me Moorkh kamaata hai aur Dimaagwala khaata hai.
    • Imdad Ali 
      jab tak murkh maujood hain tab tak akal waale isi tarah kamayenge.
    • bahut achha sir
    • बहुत बढ़िया है / धार्मिक अंधविश्वासों पर बेहतरीन तंज़ है / 
      जब तक दुनिया में मूर्ख रहेंगे / अक्लमंद ऐश करते रहेंगे !!
    • waaaaaaaaahhhhhhhh maza aa gaya .............
    • बहुत बढ़िया...प्रेरक रचना....
    • Raj Bhatia 
      जरुर ऎसी कब्र भारत के हर शहर मे होगी ना...
    • जी हाँ Raj Bhatia जी ..... हिंदुस्तान का कोई शहर बचा नहीं है .... मज़ार के अन्दर सोये शख्स के बारे में 
      ऐसी-ऐसी कहानियां लोग फैला देते हैं जो उस शख्स को भी पता नहीं होंगी  ... कारण सिर्फ एक ही है ... 
      "गंदा है पर धंधा है ये "
    • ख़ूबसूरत व्यंग्य.................. अच्छा लिखा है आपने.......... बहुत बहुत बधाई........
    • true...... Education is the only remedy for what ever is happening
    • धर्म का दूसरा नाम विश्वास , उम्मीद. दया भाव, सेवा , आपसी एकता, प्रेम .
      यह सब धर्म कै दूसरे नाम है......।।।
    • पी के शर्मा
      andhanukaran ka bolbala hai.
    • खुश वह भी जो गधे की कब्र से कमा रहा है, खुश वह भी है जो गधे की कब्र को किसी महात्मा की कब्र 
      मान कर पूजा कर रहा है लेकिन दुखी वे हैं जो कब्र का सत्य जानते हैं।
    • सुशील बाकलीवाल 
      शायद इसीलिये ये जुमला लगातार सुनाई देता रहता है कि धर्म आस्था का विषय है तर्क का नहीं ।
    • सुशील बाकलीवाल, यह जुमला उनके द्वारा उठाया जाता है जो दुखी होना नहीं चाहते।
    • सुशील बाकलीवाल 
      यह जुमला उनके द्वारा अधिक उठाया जाता है जिनके निजी हित आस्थाओं से जुडे होते हैं फिर चाहे वो 
      धर्म के रुप में हों या आमद के रुप में ।
    • आस्था की बात भी सबसे ज्यादा वही लोग करते हैं जो बात-बात पर विज्ञान की दुहाई देते हैं ... 
      "फलाना चीज को तो विज्ञान भी मान चुका है" 
      वैसे ये आस्था है बहुत दिलचस्प चीज ! तर्क कर नहीं सकते ... तर्क सुनना पसंद नहीं 
    • जी..और वे भी जो दुखी होना नहीं चाहते भले आमद या धर्म से न जुड़े हों।
    • aisi kabren aur kahan kahan hain .... ek aadh asali bhi hai ya sab yun hi ..................
    • ये तो शोध का विषय है .... दुनिया भर के वैज्ञानिक खाली बैठे कर क्या रहे हैं ... 
      सबको इसी रिसर्च पे लगा देना चाहिए !
    • Diwakar Mishra विज्ञान को भी हम अधिकतर आस्था के सहारे ही विश्वास करते हैं । मंगल पर 
      होने वाली खोज की नई नई खबरें आए दिन आती रहती हैं । यह कैसे काम कर रहा है, इसके वीडियो 
      भी इंटरनेट पर खूब मिल जाएँगे। खबरों के साथ अक्सर मंगल की धरती या उस छोटी गाड़ी की तस्वीर 
      भी होती है । पर इनमें से सारे वीडियो एनिमेशन द्वारा बनाए गए हैं और चित्र, शयद ही कभी असली वाला 
      भी सैकड़ों में एक छपता हो । पर उसे देखने वाले पूरी आस्था से मान लेते हैं कि सचमुच वहाँ ऐसा ही हो 
      रहा है (हो रहा होगा नहीं) । और इसी प्रविधि या मैनर से धर्म की बातों पर आस्था रखने वालों का मजे से 
      मजाक उड़ाते हैं । जिन धर्मग्रन्थों को प्रगतिवादी लोग सबसे अधिक गाली देते हैं और वैज्ञानिक सोच 
      वाले सबसे अधिक मजाक उड़ाते हैं, उन्हीं मे धर्म की कसौटी भी मिलती है - यस्तर्केणानुसन्धत्ते, तं धर्मं 
      वेद नेतरम् । यानि जो तर्क से खोजा जाए, वही धर्म है, अतार्किक बातें नहीं । विज्ञानभक्त (वैज्ञानिक नहीं) 
      तो इतनी हिम्मत भी नहीं दिखा पाते कहने की कि करके देखो, सही लगे तो मानना, न लगे तो झूठ समझ 
      लेना । वे तो कहेंगे कि यही सच है और दूसरा कुछ नहीं ।
    • कहा था न कि जिस धर्म ग्रन्थ को सबसे अधिक गाली देते हैं प्रगति वादी, वही मनुस्मृति धर्म की खुद 
      परीक्षा करने की छूट देती है । कोटेशन थोड़ा गलत था - यस्तर्केणानुसन्धत्ते स धर्मं वेद नेतरः॥ 
      (मनुस्मृतिः १२/१०६) और मतलब है कि जो तर्क से खोज करता है, वही धर्म को जानता है, दूसरा नहीं। 
      खुद तार्किक होकर धर्म को जान सकते हो । अगर किसी के उपदेश से धर्म को जानना चाहते हो तो 
      उसकी भी परीक्षा कर लो कि वह तार्किक है कि नहीं ।
    • Diwakar Mishra और एकाध सही है भी कि नहीं - मानो या न मानो । पर अगर खारिज करना 
      चाहते हो तो पहले उन तथ्यों की परीक्षा करने की जहमत जरूर उठा लेना जिनके आधार पर यह बातें 
      कही गई हैं । इसके लिए फ़ेसबुक की सतह से पुस्तकों की गहराई या विषय के जानकार की संगत में 
      उतरना पड़ेगा । और हाँ, अपने पूर्वाग्रह के खोल से बाहर भी निकलना पड़ेगा । और छोड़ दो यह डर कि 
      अगर सही सिद्ध हो गया तो क्या होगा, या गलत सिद्ध हो गया तो क्या होगा ।
    • Prakash Govind !!! NICE PRAVACHAN !!!