सोमवार, दिसंबर 02, 2013

तालिबानी गुडविल इन पाकिस्तान

एक तालिबानी पाकिस्तान में बैंक लूटने के लिए गया, 
वहाँ कैशियर के पास जाकर बोला - "मेरे बैग में AK 47 है, चुपचाप सारा कैश मेरे हवाले कर दो !"

कैशियर ने सहमकर जल्दी-जल्दी सारा रुपया तालिबानी को सौंप दिया !

तालिबानी लूट कर जब बैंक से बाहर निकला तो उसे अचानक ध्यान आया कि 

वो जो बैग लेकर बैंक गया था उसमें तो AK 47 थी ही नहीं ! 
AK 47 वाला बैग तो उसका साथी दो दिन पहले ही मांग के ले गया है !

बेचारा तालिबानी आत्मग्लानि में डूब गया और सोचने लगा कि 

जुमे के रोज उसने कैशियर से झूठ बोला … उफ्फ़ ~~~ अल्लाह उसे माफ़ नहीं करेगा !

बस फ़ौरन तालिबानी वापस बैंक पहुंचा और
बैंक मैनेजर के कमरे में घुस गया !
बैंक मैंनेजर ने सवाल किया - "हाँ सर कहिये, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?"

तालिबानी - "बिरादर हमसे आज अनजाने में एक बहुत बड़ा मिस्टेक हो गया !"
बैंक मैनेजर - "कैसी मिस्टेक सर ?"

तालिबानी - "अभी थोड़ी देर पहले हम तुम्हारा बैंक लूटा .... हमने कैशियर को बोला कि हमारे बैग में AK 47 है, सारा रुपया हमारे हवाले करो, कैशियर ने वैसा ही किया ! अभी हम तुमसे झूठ नहीं बोलेगा … उस समय हमारे बैग में AK 47 नहीं था !"

मैनेजर - "नो प्राब्लम सर ! आप ऐसा करें कि एक-दो रोज में जब कभी आपको समय मिले यहाँ आकर AK 47 दिखा दीजियेगा .... हैव ए गुड डे सर !"

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End
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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    • आदेश शुक्ल - लाहोर बिना कुवैत 
    • Govind Singh Parmar - hahaahahahahahahahaha bahut umda
    • Prabhu Heda - बाउण्ड्री पार चौका लगा दिए गुरुदेव । अब हसी रोकने की कोई दवा दीजिये जल्दी से
    • Manoj Chhabra - very nice....
    • Rahul Kumar ·Thoko taali.....
    • Mukesh Tokas ·अच्छा है, बहुत मजा आया
    • Aditi Chauhan - bahut majedar
    • Basant D Jain - Hahahaha bahut zordar
    • Dilbag Virk - रोचक.... हमारे नेताओं से तो अच्छा निकला तालिबानी
    • Prakash Govind - Dilbag Virk ji ... Aapne ye baat to bahut sahi kahi ....
    • राजीव तनेजा - आपसी विश्वास..भरोसे और सद्भावना की पराकाष्ठा ..
    • मिथिलेश कुमार राय - सुनते हैँ कि कभी बेईमानी का काम भी पूरी ईमानदारी से किया जाता था पृथ्वी पर!
    • Madhu Kaushal - हा हा हा बेचारा तालिबानी ...
    • Brajesh Rana - मजबूर फिल्म में अमिताभ कहते हैं की चोरो के भी उसूल होते हैं. तो प्राण साहिब बोले की चोरो के ही उसूल होते हैं.
    • Prakash Govind - हमारे यहाँ तो डाकू भी बहुत उसूल वाले होते थे .... पहले से सूचना देकर बाकायदा पूजा-पाठ के उपरान्त डकैती कार्यक्रम संपन्न करते थे
    • Brajesh Rana - हर चीज़ के नियम क़ानून होते हैं.
    • Harivansh Sharma - हमारे एक मित्र,अक्सर कहा करते है,ईमानदारी अच्छी होती है,परन्तु बेवकूफी नही...
    • Vijay Gupta - very nice sir
    • Vijay Gupta -Congresiyon se to achha hi nikla wo talibani
    • ÁKshäy Yâdáv - nice onE..
    • Syed Khalid Mahfooz - hahahaha..
    • Sandeep Gupta - क्या ईमानदारी हे
    • Vijay Kumar Singh - सचमें आपने इस विचार के माध्यम से जो संदेश देने की कोशिश की है। इसके काफ़ी गहरे भाव हैं। आज की वर्तमान परिस्थिति में रेखांकित करती इसमें कुछ गहरे संदेश हैं।
    • Rakesh Sharma - wah kay baat h dono taraf se emandari .................... .Na jane konsa hadsa akhbar me aajaye , Na jane konsa shikka bajar me aajaye , Are chor uchkko ke sath bhi dosti kar lo yaro , Na jane kon kal sharkar me aajaye ...............
    • न जाने कौन सा हादसा अखबार में आ जाए
      न जाने कौन सा सिक्का बाजार में आ जाए
      अरे चोर-उचक्कों के साथ भी दोस्ती कर लो
      न जाने कौन कल सरकार में आ जाए !!!
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      वाह... वाह... वाह .... बहुत खूब
    • Purnima Seth - kya baat hai ... kya goodwill hai
    • Raju Munjal - हाहाहा ये दिया........
    • Kantilal Jain - bahut achhe
    • विकास भारतीय - बहा तो सारे ही खुदा के नेक बन्दे निकले
    • Pawan Mishra - असली गुडविल तो मैनेजरवा ने दिखाई
    • Vivek Shrivastava - सुपर्ब हा हा हा हा हा हा
    • Satyawan Yadav - Nice story ]
    • Honey Singh Nice..
    • Goldy Sadh - hahaha
    • Sagar Gaud - Bahut badiya massage diya h aapne is post k zariye
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4 टिप्‍पणियां:

  1. Prakash bhai bahot mazedaar post hai .. dar asl .. ye kaam aur aisi aqalmandi yahan ... afghani ya pathaan karte hain .. Talibaan to ek aisi aafat yahan aayi hui hai ... ke buildings girana to chhota kaam hai ... inhone.. dhamakon se sheher ke sheher veeran kar kiye hain... lakhon khandaan ujaad diye hain.. aur kehte hain .. ke... Pakistan mein islami nizaam qaaem karo.. maloom nahi kab is bala se chhutkara milega.

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    1. सफीर भाई आपके यहाँ आने का शुक्रिया
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      आपका कमेंट पढ़कर ही दहशत हो रही है
      तौबा … तौबा
      आखिर ये तालिबानी लोग किस फितरत और कौन सी मिटटी के बने हैं

      हटाएं
  2. प्रकाश भाई एक अफ़ग़ानी का क़िस्सा याद आ गया.. इस से आपको उनकी फ़ितरत का अंदाज़ा हो जायेगा। . . अफ़ग़ानी नसवार (गुटका टाइप एक नशा ) बेचता था. . उसने अपने दोस्त को धनवान बनने का अपना प्लान बताया :

    पहले अपनी दोकान बेच कर पिस्तौल ख़रीदूंगा। .. उस से लोगों को रास्तों पर लूटूंगा
    उन पैसों से एक क्लाशनकोफ ख़रीदूंगा और घरों में डाके मारूंगा . .

    दोस्त ने पूछा फिर ?
    फिर एक AK 47 लूँगा। . . दोस्त ने कहा वह तो बहुत मेंहगी है
    अफ़ग़ानी ने कहा . . अपनी ख़ूबसूरत बीवी को बेच दूंगा और AK 47 ख़रीद लूँगा
    फिर ? . . फिर उसी AK 47 के बल पर . . अपनी बीवी को वापिस ले कर आऊंगा और बैंकों में डाके मारूंगा।

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