एक
तालिबानी पाकिस्तान में बैंक लूटने के लिए गया,
वहाँ कैशियर के पास जाकर बोला - "मेरे बैग में AK 47 है, चुपचाप सारा कैश मेरे हवाले कर दो !"
कैशियर ने सहमकर जल्दी-जल्दी सारा रुपया तालिबानी को सौंप दिया !
तालिबानी लूट कर जब बैंक से बाहर निकला तो उसे अचानक ध्यान आया कि
वो जो बैग लेकर बैंक गया था उसमें तो AK 47 थी ही नहीं !
AK 47 वाला बैग तो उसका साथी दो दिन पहले ही मांग के ले गया है !
बेचारा तालिबानी आत्मग्लानि में डूब गया और सोचने लगा कि
जुमे के रोज उसने कैशियर से झूठ बोला … उफ्फ़ ~~~ अल्लाह उसे माफ़ नहीं करेगा !
बस फ़ौरन तालिबानी वापस बैंक पहुंचा और बैंक मैनेजर के कमरे में घुस गया !
बैंक मैंनेजर ने सवाल किया - "हाँ सर कहिये, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?"
तालिबानी - "बिरादर हमसे आज अनजाने में एक बहुत बड़ा मिस्टेक हो गया !"
बैंक मैनेजर - "कैसी मिस्टेक सर ?"
तालिबानी - "अभी थोड़ी देर पहले हम तुम्हारा बैंक लूटा .... हमने कैशियर को बोला कि हमारे बैग में AK 47 है, सारा रुपया हमारे हवाले करो, कैशियर ने वैसा ही किया ! अभी हम तुमसे झूठ नहीं बोलेगा … उस समय हमारे बैग में AK 47 नहीं था !"
मैनेजर - "नो प्राब्लम सर ! आप ऐसा करें कि एक-दो रोज में जब कभी आपको समय मिले यहाँ आकर AK 47 दिखा दीजियेगा .... हैव ए गुड डे सर !"
वहाँ कैशियर के पास जाकर बोला - "मेरे बैग में AK 47 है, चुपचाप सारा कैश मेरे हवाले कर दो !"
कैशियर ने सहमकर जल्दी-जल्दी सारा रुपया तालिबानी को सौंप दिया !
तालिबानी लूट कर जब बैंक से बाहर निकला तो उसे अचानक ध्यान आया कि
वो जो बैग लेकर बैंक गया था उसमें तो AK 47 थी ही नहीं !
AK 47 वाला बैग तो उसका साथी दो दिन पहले ही मांग के ले गया है !
बेचारा तालिबानी आत्मग्लानि में डूब गया और सोचने लगा कि
जुमे के रोज उसने कैशियर से झूठ बोला … उफ्फ़ ~~~ अल्लाह उसे माफ़ नहीं करेगा !
बस फ़ौरन तालिबानी वापस बैंक पहुंचा और बैंक मैनेजर के कमरे में घुस गया !
बैंक मैंनेजर ने सवाल किया - "हाँ सर कहिये, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?"
तालिबानी - "बिरादर हमसे आज अनजाने में एक बहुत बड़ा मिस्टेक हो गया !"
बैंक मैनेजर - "कैसी मिस्टेक सर ?"
तालिबानी - "अभी थोड़ी देर पहले हम तुम्हारा बैंक लूटा .... हमने कैशियर को बोला कि हमारे बैग में AK 47 है, सारा रुपया हमारे हवाले करो, कैशियर ने वैसा ही किया ! अभी हम तुमसे झूठ नहीं बोलेगा … उस समय हमारे बैग में AK 47 नहीं था !"
मैनेजर - "नो प्राब्लम सर ! आप ऐसा करें कि एक-दो रोज में जब कभी आपको समय मिले यहाँ आकर AK 47 दिखा दीजियेगा .... हैव ए गुड डे सर !"
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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Prakash bhai bahot mazedaar post hai .. dar asl .. ye kaam aur aisi aqalmandi yahan ... afghani ya pathaan karte hain .. Talibaan to ek aisi aafat yahan aayi hui hai ... ke buildings girana to chhota kaam hai ... inhone.. dhamakon se sheher ke sheher veeran kar kiye hain... lakhon khandaan ujaad diye hain.. aur kehte hain .. ke... Pakistan mein islami nizaam qaaem karo.. maloom nahi kab is bala se chhutkara milega.
जवाब देंहटाएंसफीर भाई आपके यहाँ आने का शुक्रिया
हटाएं-
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आपका कमेंट पढ़कर ही दहशत हो रही है
तौबा … तौबा
आखिर ये तालिबानी लोग किस फितरत और कौन सी मिटटी के बने हैं
प्रकाश भाई एक अफ़ग़ानी का क़िस्सा याद आ गया.. इस से आपको उनकी फ़ितरत का अंदाज़ा हो जायेगा। . . अफ़ग़ानी नसवार (गुटका टाइप एक नशा ) बेचता था. . उसने अपने दोस्त को धनवान बनने का अपना प्लान बताया :
जवाब देंहटाएंपहले अपनी दोकान बेच कर पिस्तौल ख़रीदूंगा। .. उस से लोगों को रास्तों पर लूटूंगा
उन पैसों से एक क्लाशनकोफ ख़रीदूंगा और घरों में डाके मारूंगा . .
दोस्त ने पूछा फिर ?
फिर एक AK 47 लूँगा। . . दोस्त ने कहा वह तो बहुत मेंहगी है
अफ़ग़ानी ने कहा . . अपनी ख़ूबसूरत बीवी को बेच दूंगा और AK 47 ख़रीद लूँगा
फिर ? . . फिर उसी AK 47 के बल पर . . अपनी बीवी को वापिस ले कर आऊंगा और बैंकों में डाके मारूंगा।
हा हा हा हा हा हा
हटाएंबहुत सही ,,,, क्या बात है :-)