आजकल अध्यात्म का मार्ग कितना सहज-सरल हो गया है …. बस दोनों हाथ जोड़ कर भक्तिभाव से टीवी ऑन कीजिए, धार्मिक चैनल के बटन दबाइए और खो जाईये अध्यात्म में।
बड़े-बड़े वातानुकूलित महलों में रहकर आर्थिक साम्राज्य स्थापित करने वाले … दुनिया भर के भौतिक सुखों को भोगने वाले आजकल के बाबा लोग तथ्य की बात कैसे बता सकते हैं ? जो खुद ही माया में अटके हों, वो भक्तों में प्रेम कैसे जगा सकते हैं ?
आज रुपया खर्च करके कोई भी बाबा / महात्मा अपना प्रवचन धार्मिक टीवी चैनलों पर प्रसारित करवा सकता है।
सवाल ये है कि लाखों रुपया हर महीने खर्च करके कोई अपना प्रवचन टीवी पर क्यों प्रसारित करवाना चाहता है ? साफ जाहिर है कि ऐसा करना घाटे का नहीं, मुनाफे का सौदा है। जितनी ज्यादा बार बाबा जी का चेहरा आएगा, उतनी ही उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी, चेले बढ़ेंगे, आमदनी बढ़ेगी। फिर ये आध्यात्म कहां हुआ ? ये तो धर्म का व्यापार हो गया और ये व्यापार आजकल जोरों से चल रहा है।
धर्म का कारोबार करने वाले, धार्मिक भू-माफिया बन के हजारों-लाखों एकड़ जमीन हथियाने वाले, आध्यात्म का चोला ओढ़ कर तंत्र-मंत्र करने वाले, पाखंडों से भरपूर प्रवचन देने वाले इन तथाकथित संत-महात्माओं से समाज को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।
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फेसबुक मित्रों द्वारा की गयीं कुछ प्रतिक्रियाएं
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aajkal sabse fayde ka yahi business hai :-)
बहुत सही फोटो लगाई है भाई; मुझे बचपन की एक कहावत याद आ गयी : 'के तो बाबो रेल मैं, नहीं तो बाबो जेल मैं' अर्थात 'या तो बाबा रेल में, या फिर बाबा जेल में' ।
या तो बाबा रेल में, या फिर बाबा जेल में' ... :-) :-)
अध्यात्म एक बेहद संजीदा विषय है। इसकी परत दर परत में कई रहस्य और ज्ञान के अकूत भंडार है। बस आमजन की उस रहस्य और ज्ञान को अर्जित करने की लालसा की पहचान कर कुछ ढोंगी लोग संत का चोंगा ओढकर बेबकुफ़ बनाने का काम कर रहे हैं। जिस प्रकार बंदुक का निर्माण जिस वक्त हुआ होगा। उसके बनाने वाले की सोच होगी की कमजोर के हाथ में रिवाल्वर होने से मजबुत वयक्ति उसको परेशान नही करेगें। मतलब आत्मरक्षात का कार्य यह करेगी। लेकिन आज सैनिक से लेकर गुडे मवाली तक इसका उपयोग कर रहे हैं।
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सर इसमे हम बाबा लोगो की गलती ही क्या बताये! खुद हम ही इतने ज्यादा अंधविशवास मेँ फसे हुऐ हे की
कोई भी शातिर आदमी धर्म की भावनाओ मेँ जोडकर हम से कुच्छ भी करवा सकता हे।
Lalit Sharma
main to in baba logo ko manata hi nahi ye to hamesha pakhandi hote hain paiasa dekho duniya
ka haih inke pass kabhi inone garib ko dekha hai galti aourto ki hai jo inke pass jati hi our pati ko
bolti hai aap bhi mere sath chalo ....
जय हो बाबा की शायद हॉर्लिक्स लेते होंगे.
मंदिर की दीवारें बोली मस्जिद के कंगूरों से...... संभव हो तो देश बचा लो मज़हब के लंगूरों से………।
ye saare baba aapas men hi ek doosre se bahut jala karte hain. irshya aur ahankar se grasit
ye baba log bhakton ko kya gyan denge ?
संभव हो तो देश बचा लो मज़हब के लंगूरों से .... ha ha ha ha ha
Ram tha, ram hai , ram rahayga. baki dhongi aaye aur gaye . jay jay sri ram...
Prakash Govind भाई जी ये विश्वास विश्वास की बात होती है , किसी को पत्थर में भगवान दिखता है ,
किसी को अपने माँ बाप में तो किसी को किसी इन्सान में , जिस तरह से आप ने लिखा है मित्र वो कदापि
सहारनीय नहीं है , आप किसी की भावनावो की ठेस पंहुचा रहे है !!
Shahnawaz Shanu galti in baba logo ki nahi hai galti ham logo ki hai jo aankh band karke
vishvas kar lete hai
isiliye naitik patan ho raha hai samaj ka,
mangesh ji jab bat vishvas ki hai aur aankh band kar hi chalna hai to fir koi problem hai hi nahi.
jab koi taklif a jaye to thanedar chor ,neta chor adi nahi kahna chahiye aur sahan karna chahiye
kyonki hamne vyavstha ko saf karne ka prayas kiya hi nahi
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सही कहा सर जी !!
आपने भी कुछ हट कर ही सोचा है....जो हम सब को विचार करने पर विवश कर दी...। बहुत खूब ।
Sahi kaha jak.aur ha mangeshji rahi bhavnao ki bat jab asay asumal jaisay ko bhagvan
mantay ho tab bhavna ko thays n pahucti kya.bhagvan insan ban sakta h per koi insan
bhagvan n ban sakta.app ki sub batay galat h.i agree with prakash govind.
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मंगेश पराते जी …. मैंने यहाँ कुछ लिखा ही कहाँ है …. सब कुछ तो दबा ले गया सिर्फ आप जैसों की
भावनाओं का ख्याल करके :-) :-) वरना मेरे विचार सुनकर तो न जाने कितने मिर्गी के शिकार होकर गाली-गलौज करते !
बस इतना जान लीजिये कि मेरी निगाह में दामिनी या गुडिया के बलात्कारियों से कहीं ज्यादा इस तरह के
धूर्त / मक्कार / ढोंगी बाबा अपराधी हैं ! ऐसे चालबाज मक्कार बाबाओं की ताकत होते हैं आप जैसे भोले भाले
अंधे भक्त ! भारत निर्माण करना है तो ऐसे सभी तथाकथित स्वभू भगवानों से छुटकारा पाना होगा ! ऐसे बाबाओं
को बीच चौराहे पे तोप से उड़ाया जाना चाहिए तभी अन्य हजारों ढोंगी बाबाओं पर असर पड़ेगा !
एक बात और … यहाँ सवाल किसी भी मज़हब का नहीं है ….
किसी भी मज़हब का कोई भी शख्स (बाबा, पादरी, मुल्ला) ये सब मक्कारी कर रहा हो उसकी जगह सिर्फ
जेल होनी चाहिए !
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किसी भी मज़हब का कोई भी शख्स (बाबा, पादरी, मुल्ला) ये सब मक्कारी कर रहा हो उसे अपने किये की सज़ा मिलनी ही चाहिए!
जवाब देंहटाएंधर्म की आड़ में ऐसे काम करने वालों को बक्शा नहीं जाना चाहिए.