शुक्रवार, अगस्त 08, 2014

स्वर्ग, हैवन या ज़न्नत का फैसला कैसे होगा ?

मैं एक बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हूँ
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मान लीजिये एक आदमी हिन्दू धर्म में पैदा हुआ ! जब 24-25 वर्ष का युवा हुआ तो क्रिस्चियन लड़की से प्यार कर बैठा, लेकिन लड़की ने शर्त रख दी कि पहले ईसाई धर्म अपनाओ तब शादी करुँगी ! लड़के ने धर्म परिवर्तन कर लिया ... बन गया क्रिस्चियन !
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छह-सात वर्ष बीते उसके बाद डायवोर्स हो गया !

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फिर एक लड़की पर दिल आया ,,, इस बार लड़की मुस्लिम थी ! मुस्लिम लड़की ने भी वही शर्त रख दी कि पहले इस्लाम अपनाओ ! लड़के ने एक बार
फिर धर्म परिवर्तन किया और बन गया मुसलमान !
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कुछ साल बाद उसकी मौत हो जाती है
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अब सवाल ये उठता है कि हिन्दू मान्यता के अनुसार तो मरने के बाद ऊपर भगवान् चित्रगुप्त जी कर्मों के हिसाब से पाप-पुण्य और स्वर्ग-नरक का फैसला करते हैं, लेकिन मरने वाले ने तो पहले ही हिन्दू धर्म से एकाउंट क्लोज कर लिया था .... ईसाई धर्म से भी एकाउंट क्लोज कर लिया था!
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तो भैया ऊपर फैसला कैसे होगा ?
क्या अल्लाह मियां मरने वाले की फाईल जीसस और चित्रगुप्त से मंगवाएंगे ?
या फिर ऐसा तो नहीं कि
मरने वाला पहले स्वर्ग , उसके बाद हैवन और आखिर में ज़न्नत जाएगा ?

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The End
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7 टिप्‍पणियां:

  1. प्रकाश गोविन्द जी ,आपका प्रश्न बिलकुल सही है ,परन्तु फाइल गलत जगह पहुँच गई है ; फ़ाइल को पंडित ,पादरी और मौलवी के पास भेजिए ,शायद ईश्वर ,गॉडऔर अल्ला के समिट मीटिंग में कुछ बता सके |
    सावन का आगमन !
    : महादेव का कोप है या कुछ और ....?

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    1. कालिपद प्रसाद जी ये पंडित, पादरी और मौलवी ही तो मुख्य समस्या हैं :-)

      मेरे ब्लॉग पर आने और पोस्ट पढने के लिए आपका शुक्रिया !

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना शनिवार 09 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. उम्दा रचना सोचने को बाध्य कर रही है कि कौन कहाँ जाएगा |

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  4. कमवख्त मरने वाला तो मर जाता है और इसके साथ ही उसका टेंशन भी ख़त्म हो जाता है ... लेकिन जिन्दा लोगों को खामखाह का टेंशन दे जाता है .....

    जवाब देंहटाएं
  5. special case hai .. isko spl cell ko refer kiya jaayega .. final decision aane mein time lagega

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