दिल्ली-मुम्बई राजधानी एक्प्रेस, डब्बा, प्रथम श्रेणी ! दो अपरचित लोग !
एक लड़का, एक लड़की आमने-सामने की सीट पर हाथों में किताब लिये बैठे हैं ।
दोनों चोर नजरों से एक-दूसरे के किताब के कवर को देख रहे हैं ..
-
लड़का पढ़ रहा है- "माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ"
लड़की पढ़ रही है- "मी नाथूराम गोडसे बोलतोय"
.
फिर लड़का बोला- "वह गाँधी को इसलिए पढ़ रहा है कि गोडसे को समझ सके"
यह सुनकर लड़की मुस्कुराई- मैं भी तो गोडसे को इसलिए पढ़ रही हूँ, ताकि गाँधी को समझ सकूँ।
.
लड़की उसी तरह मुस्कुराकर फिर बोली- मैं गाँधी के पोते की पोती हूँ ।
लड़का मुस्कुराया, मुस्कुराहट में झिझक है, थोड़ा रुककर बोला- "मैं गोडसे के भाई का पोता हूँ।"
-
-
और
वहाँ ऊपर आसमान में गाँधी और गोडसे मुस्कुराये यह सोचकर
इन दो बच्चों के बहाने दुनिया में यह संदेश जायेगा कि -
.
"नफरत स्थाई नहीं होती"
एक लड़का, एक लड़की आमने-सामने की सीट पर हाथों में किताब लिये बैठे हैं ।
दोनों चोर नजरों से एक-दूसरे के किताब के कवर को देख रहे हैं ..
-
लड़का पढ़ रहा है- "माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ"
लड़की पढ़ रही है- "मी नाथूराम गोडसे बोलतोय"
.
तलब दोनों में है बात करने की ! किताबों की च्वाईस को लेकर, पर अपरचितों में पहल का इंतेजार रहता है। जैसा आमतौर पे होता है, बात होती है तो खूब होती है, पर ये नहीं कि तब गाँधी सही थे या गोडसे ! न तो गाँधी की महानता पर प्रश्न उठा, न गोडसे की अँधी देशभक्ति पर।
- फिर लड़का बोला- "वह गाँधी को इसलिए पढ़ रहा है कि गोडसे को समझ सके"
यह सुनकर लड़की मुस्कुराई- मैं भी तो गोडसे को इसलिए पढ़ रही हूँ, ताकि गाँधी को समझ सकूँ।
.
लड़की उसी तरह मुस्कुराकर फिर बोली- मैं गाँधी के पोते की पोती हूँ ।
लड़का मुस्कुराया, मुस्कुराहट में झिझक है, थोड़ा रुककर बोला- "मैं गोडसे के भाई का पोता हूँ।"
-
राजधानी एक्प्रेस के उस डब्बे में इतिहास ठहर गया, उस दुर्लभ संयोग पर दोनों के विचार मुस्कुराये !
आँखें मुस्कुराई,, मन और मन के बीच प्रेम का अंकुर सरसराया !
- -
और
वहाँ ऊपर आसमान में गाँधी और गोडसे मुस्कुराये यह सोचकर
इन दो बच्चों के बहाने दुनिया में यह संदेश जायेगा कि -
.
"नफरत स्थाई नहीं होती"
---------------------------------
End
---------------------------------
==================================================
फेसबुक लिंक
https://www.facebook.com/prakash.govind/posts/967659926577639
==================================================
==================================================
फेसबुक लिंक
https://www.facebook.com/prakash.govind/posts/967659926577639
==================================================
अच्छा ह
जवाब देंहटाएं