साल का अंत होने वाला था। बेइंतिहा सर्दी थी। इस सर्दी की वजह से एक आदमी नींद से उठकर दुकानों के बरामदे की सीढ़ियों पर बैठ गया। फिर वह चलने लगा, लेकिन इस तरह सर्दी और लगने लगी। वह दौड़ने लगा - पुराना नुस्खा था कि दौड़ने पर पसीना निकलता है। शहर के एक बड़े हिस्से में वह दौड़ता रहा। उसे पसीना आने लगा। सर्दी कम लगने लगी। लेकिन वह कब तक दौड़ता। वह थककर बैठ गया। धीरे-धीरे पसीने की वजह से सर्दी और तेज लगने लगी !
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उसने देखा कि एक
आदमी कम्बल ओढ़कर सो रहा है ! उसने उसका कम्बल खींचा और उसे लेकर भागने लगा !
जिसका कम्बल लेकर वह भागा था, वह उसके पीछे भागने लगा ! बीच-बीच में वह
उसे गालियाँ भी दे रहा था ! जो कबल लेकर भाग रहा था, उसके हाथ से कम्बल गिर
गया और एक नाले में चला गया !
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अब दोनों एक दुसरे के सामने थे !
दोनों भिड गए और एक दुसरे को मारते रहे ! इस बीच एक तीसरा आदमी आ गया ! वह
भी सर्दी की वजह से सो नहीं पा रहा था ! जब उसने देखा कि कम्बल नाले में
गिरा है तो वह नाले में उतर गया ! इधर दोनों एक-दुसरे को ईंट-पत्थरों से
मारते रहे, जिनमें एक पहले और दूसरा बाद में मर गया ! तीसरा गहरे नाले की
कीचड में डूब गया !
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सुबह न तो पुलिस और न अखबार वाले कम्बल के
साथ इन तीनों की मौत का सबंध जोड़ पाए ! अलबत्ता और कोई कपडा आस-पास न होने
की वजह से पुलिस ने तीनों के शवों को फिलहाल तो उस कम्बल पर लिटाया, जो
नाले के बगल में पुलिस वालों को मिल गया था !
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तीन दिन बाद एक
कूड़ा बीनने वाला लड़का बहुत डरते-सहमते हुए थाने में यह पूछने आया कि जो
कम्बल नाले के पास पुलिस वालों को मिला था, वह उसका था ! पुलिस ने उसको
थाने में बैठा लिया और पूछ-ताछ शुरू हुयी कि वह उसे मिला कहाँ था ! पता ये
लगा कि उसने वह कम्बल एक घर से चुराया था - किसी का कम्बल घर के सामने धुप
में सूख रहा था, उसने उठा लिया और चलता बना ! पुलिस ने कूड़ा बीनने वाले
लड़के को हवालात में बंद करके इतना मारा कि लड़का मर गया ! पुलिस ने अपनी जान
बचाने के लिए रात में उस मरे हुए लड़के की लाश को फुटपाथ पर छोड़ दिया और
उसे उसके कम्बल से ढक दिया
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एक आदमी जो सर्दी से ठिठुर रहा
था, उसने मरे हुए लड़के के शव के ऊपर से कम्बल उठाया और आगे निकल गया, फिर
वह भागने लगा यह सोचकर कि कोई उसका पीछा कर रहा है ! भागते हुए वह रेल की
पटरियां पार कर रहा था कि वह रेलगाड़ी की चपेट में आ गया और मर गया ! एक
लड़का जो वहां कूड़ा बीना करता था, उसने वह कम्बल उठा लिया और यह देखते हुए
कि कोई उसे देख तो नहीं रहा है, वह पटरियां पार करके घर आ गया !
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माँ ने कम्बल देखकर बेटे से कहा - तुझे यह क्यों नहीं दिखा कि ये कम्बल
उसके भाई का है, जो दो दिनों से लापता है ! माँ और बेटा अपने बेटे और भाई
की तलाश में कम्बल लेकर निकल पड़े, यह सोचकर कि अगर वो मिल गया तो कम्बल
ओढ़ाकर उसे घर ले आयेंगे ! मा-बेटे रात के बियाबान में खोजते रहे ....खोजते
रहे ...
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इस बीच पता नहीं कम्बल कब कहाँ कंधे से खिसककर गिर गया .....
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