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बुधवार, दिसंबर 24, 2014

जाट और अंग्रेज वार्तालाप :-)

एक बार एक जाट प्लेन से लन्दन जा रहा था, 
बगल में एक अंग्रेज बैठा हुआ था ! 
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जाट ने अंग्रेज से पूछा - "आप क्या करते हो ?" 
अंग्रेज - "मैं एक साईंटिस्ट हूँ... और आप ?" 
जाट - "मैं इंजीनियर हूँ !" 
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अंग्रेज - "वाव~~ इंजीनियर ... क्या हम किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं ?" 
जाट - "बिलकुल ,, " 
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अंग्रेज - "अच्छा, तुम मुझे न्यूक्लियर पावर के बारे में कुछ बताओ" 
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जाट ये सुनकर चुप रह गया ! 
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अंग्रेज - (व्यंग से) "ओह ~~ तो तुम नहीं जानते ?" 
जाट - "जानता तो हूँ लेकिन तुम पहले मेरे एक क्वेश्चन का एन्सर दो" 
अंग्रेज - "हम्म ~~ पूछो .. " 
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जाट - "मंदिर में भी घंटा होता है और चर्च में भी घंटा होता है, तो फिर चर्च का घंटा मंदिर के घंटे से बड़ा क्यों होता है ..?" 
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अंग्रेज कुछ देर सोचता रहा फिर बोला - "मैं नहीं जानता" 
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जाट - "अबे साले .. पता तुझे घंटे का भी नहीं है और बातें न्यूक्लियर पावर की करे है ???" 
           
 :-)   :-)   :-)
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The End
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कुछ एक असमी सिक्यूरिटी गार्ड भी होते हैं :-)

घर ढूंढते ढूंढते एक नयी बनी इमारत के पास पहुंचा 
और सिक्यूरिटी गार्ड से पूछा, 
"यहाँ फ्लैट खाली है क्या रेंट के लिए?" 
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गार्ड बोला - "जी सर" 
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मैंने पूछा - "तुम दिखाओगे" 
गार्ड - "मैनेजड़ है साब" 
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मैंने नंबर माँगा और फ़ोन डायल किया, 
इस बीच मैंने गार्ड से मेनेजर का नाम पूछा ! 
गार्ड - "सड़ीप सर" 
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मैंने फ़ोन काटा और कन्फर्म किया, "संदीप?" 
गार्ड, "नहीं ,, सड़ीप सर" 
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मैं सोच में पड़ा, अजीब-अजीब से नाम रखते हैं लोग आजकल। ऐसे ही विस्मित होते हुए मैंने कॉल लगाई लेकिन लाइन व्यस्त मिली। 
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फिर ढूंढते हुए बिल्डिंग के अन्दर पहुँच गए। 
 मेनेजर साहब मिले, मैंने हाथ मिलाया और कहा, "हेल्लो" 
 मेनेजर - "हेल्लो ,,, आय ऍम शरीफ।" 
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सीख :- सारे सिक्यूरिटी गार्ड नेपाली नहीं होते कुछ एक असमी भी होते हैं।  :-)
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The End
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सीनियर सिटिजन और पुलिस इंस्पेक्टर

एक सीनियर सिटिजन अपनी नई कार 90 की स्पीड में चला रहे थे। 
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रियर व्यु मिरर में उन्होंने देखा कि पुलिस की एक गाडी उनके पीछे लगी हुई है। उन्होंने कार की स्पीड और बढ़ा दी। 110 फिर 130 और फिर 150.......... 
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अचानक उन्हें याद आया कि इन हरकतों के लिहाज से वे बहुत बूढ़े हो चुके हैं और ऐंसी हरकतें उन्हें शोभा नहीं देतीं। उन्होंने सड़क के किनारे कार रोक दी और पुलिस का इन्तजार करने लगे। 
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पुलिस की गाडी करीब आकर रुकी और उसमे से इंस्पेक्टर निकलकर बुजुर्ग महाशय के पास आया। उसने अपनी घडी में समय देखा और बुजुर्ग से बोला --
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"सर, मेरी शिफ्ट ख़त्म होने में मात्र 10 मिनिट बाकी हैं। आज शुक्रवार है और शनिवार, रविवार मेरा अवकाश है। इतनी स्पीड से कार चलाने का अगर आप मूझे कोइ ऐंसा कारण बता सके जो मैंने आज तक नहीं सुना हो तो मैं आप को छोड़ दूंगा।" 
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बुजुर्ग ने बहुत गंभीर होकर इन्स्पेक्टर की तरफ देखा और कहा---

"बहुत साल पहले मेरी बीवी एक पुलिसवाले के साथ भाग गयी थी। मैंने सोचा कि तुम उसे लौटाने आ रहे हो इसलिए..................." 
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इन्स्पेक्टर वहाँ से जाते हुए बोला---" हेव ए गुड डे, सर ... बाय।" 
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The End
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