शुक्रवार, जून 10, 2016

अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं



रात के समय एक दुकानदार अपनी दुकान बन्द ही कर रहा था कि एक कुत्ता दुकान में आया । उसके मुॅंह में एक थैली थी। जिसमें सामान की लिस्ट और पैसे थे। दुकानदार ने पैसे लेकर सामान उस थैली में भर दिया। कुत्ते ने थैली मुॅंह मे उठा ली और चला गया। 
-- 
दुकानदार आश्चर्यचकित होके कुत्ते के पीछे पीछे गया, ये देखने कि इतने समझदार कुत्ते का मालिक कौन है।
--
कुत्ता बस स्टाॅप पर खडा रहा। थोडी देर बाद एक बस आई जिसमें चढ गया। कंडक्टर के पास आते ही अपनी गर्दन आगे कर दी। उस के गले के बेल्ट में पैसे और उसका पता भी था। कंडक्टर ने पैसे लेकर टिकट कुत्ते के गले के बेल्ट मे रख दिया। अपना स्टाॅप आते ही कुत्ता आगे के दरवाजे पे चला गया और पूॅंछ हिलाकर कंडक्टर को इशारा कर दिया। बस के रुकते ही उतरकर चल दिया। 
-- 
दुकानदार भी पीछे पीछे चल रहा था। कुत्ते ने घर का दरवाजा अपने पैरों से 2-3 बार खटखटाया। अन्दर से उसका मालिक आया और डंडे से उसकी पिटाई कर दी। 
-- 
दुकानदार ने मालिक से इसका कारण पूछा। 
मालिक बोला - "इस साले ने मेरी नींद खराब कर दी। चाबी साथ ले कर नहीं जा सकता था गधा ?" 
-- 
-- 
जीवन की भी यही सच्चाई है। 
लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है। 


================================================
फेसबुक लिंक 
================================================

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

'आप की आमद हमारी खुशनसीबी
आप की टिप्पणी हमारा हौसला' !!

संवाद से दीवारें हटती हैं, ये ख़ामोशी तोडिये !!
*****************************************************