मंगलवार, मार्च 24, 2015

छोटे तिवारी और बोर्ड की परीक्षा :-)


[आजकल बोर्ड परीक्षा में नक़ल होने की बहुत चर्चा हो रही है ... 
 लीजिये पेश है हमारे दौर की एक सच्ची घटना] 
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कसबे में चारों तिवारी भाइयों ने दबंगई और मार-पीट में अभूतपूर्व ख्याति अर्जित की हुई थी ! कौन से नंबर का भाई ज्यादा खुराफाती है, ये शोध का विषय था ! 
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इस साल सबसे छोटे तिवारी का मूड हो आया कि बोर्ड का परीक्षा क्लियर करना है, बस तब क्या था ,,, बडकऊ तिवारी अगले रोज ही प्रधानाचार्य के कमरे में धमक पड़े - "गुरु जी इस साल छोटे को पास कराने की जिम्मेदारी आपकी है" 
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प्रधानाचार्य बेचारे क्या करते ... वृन्दावन में रहना है तो राधे-राधे कहना है ... तत्काल चौबे और अस्थाना अध्यापक को बुलाया और समझा दिया - "कुछ करिए आप लोग" 
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अगले रोज पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में बोर्ड की परीक्षा शुरू हुई ! पहला परचा हिंदी का था ... कक्ष में सारे छात्रों को प्रश्न-पत्र और कापियां वितरित कर दी गयीं .. छोटे तिवारी को जान-बूझकर सबसे पीछे कोने में बैठाया गया ! 
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दस-पंद्रह मिनट हुए थे कि चौबे जी एक कुंजी (उत्तर पुस्तिका) लेकर छोटे तिवारी के पास गए और बोले - "लो इसे रख लो और लिखना शुरू करो" 
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जरा देर बाद चौबे जी दोबारा पलटे ... तो देखा छोटे तिवारी घूर रहे हैं ! चौबे जी हडबडा गए, पूछा - "क्या हुआ ,,, इससे देखकर जवाब लिखते क्यूँ नहीं ?" 

छोटे तिवारी जोर से भुनभुनाए - "गुरूजी हमका आल्हा न सिखाओ ,,, चुप्पै ई बताओ कुंजी में कौन से पन्ने का क्या-क्या लिखना है ... पेन से निशान लगा के बतावौ ...." 
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:-) :-) :-)
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विशेष : आगे चलकर छोटे तिवारी दो बार विधायकी का चुनाव जीते !


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The End
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1 टिप्पणी:

  1. बढ़िया जानकारी धन्यवाद
    www.gyankablog.blogspot.com
    थोड़े से ज्ञान के आधार पर, यह ब्लॉग मैं खुद लिख रहा हूँ, इसे और अच्छा बनाने के लिए तथा अधिकतम पाठकों तक पहुँचाने के लिए तकनीकी जानकारी प्रदान करने वालोंका आभारी रहूँगा।

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